यीशु एक फरीसी नहीं है

यीशु एक फरीसी नहीं है

जो उस पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहर चुका; इसलिये कि उसने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया। – यूहन्ना 3:18

परमेश्वर अपने लोगों को रद्द किए जाने के कारण आई अतीत की चोटों से चंगा करने की इच्छा रखता है। वो चाहता कि आप जानें कि वो आपको कभी भी रद्द नहीं करेगा। वह मत्ती 11:28 में कहता है, हे सारे भार और बोझ के नीचे दबे लोगो, मेरे पास आओ, और मैं तुम्हे आराम दूँगा। यह उनका हवाला देता है जो कि सिद्ध होने का प्रयास करते मेहनत कर रहे है और फिर जब वह असफल होते है तो स्वयं को दोष की भावनाओं के साथ कोसते हैं।

यूहन्ना 3:18 में, यीशु उन लोगों के बारे में बात कर रहा था जो कि फरीसियों की व्यवस्था के अधीन जीवन व्यतीत करने का प्रयास कर रहे थे। फरीसियों को प्रसन्न करने के लिए काफी मेहनत की आवश्यकता होती है – और वो आज भी आस-पास है। मैं निश्चित हूँ कि आप किसी को जानते होंगे जो आपको यह संदेश देते हैं, “अगर आप मुझे प्रसन्न करेंगे और सिद्धता का प्रदर्शन करेंगे तो मैं आपको स्वीकार करूँगा। अगर आप नहीं करते तो मैं आपको रद्द करूँगा और आपको प्रेम नहीं करूँगा।”

यीशु एक फरीसी नहीं है। वह यूहन्ना 3:18 में कहता है कि वो जो उसमें विश्वास करता वो कभी भी रद्द नहीं किया जाएगा। उस में विश्वास करें, उससे प्रेम करें, उसके साथ चिपके रहे, उस पर निर्भर रहें और उस पर भरोसा करें। तब आप सचमुच उस भरपूर जीवन का आनन्द ले सकेंगे जो वो आपको देता है।


आरंभक प्रार्थना

परमेश्वर, मुझे प्रेम करने और सदा मुझे स्वीकार करने के लिए आपका धन्यवाद। मैं आप में विश्वास करती, आपसे प्रेम करती, आप पर भरोसा करती और सब जो मुझ में है उसके साथ आप पर निर्भर रहती हूँ।

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