यीशु के नाम में सामर्थ्य है

यीशु के नाम में सामर्थ्य है

अब तक तुम ने मेरे नाम (जैसा मैं हूँ के रूप में प्रस्तुत किया जाता है)  से कुछ (एक बात) नहीं माँगा; माँगो, तो पाओगे  ताकि तुम्हारा आनंद (खुशी, प्रसन्नता) पूरा हो जाए। -यूहन्ना 16:24

जब मैं और आप परमेश्वर के अनुग्रह के सिहांसन के सामने उसके वचन के अनुसार और उसके पुत्र यीशु मसीह में उसके विश्वास में माँगते हुए आते हैं। हम जान सकते हैं कि हम कुछ मुद्दे उसके सामने रखते हैं। हम उन मुद्दों को समझ सकते हैं जो हम उससे माँगते हैं। इसलिए नहीं कि हम सिद्ध हैं, या अपने आप में योग्य हैं, या परमेश्वर किसी बात में कर्ज़दार परन्तु इसीलिए क्योंकि वह हम से प्रेम करता है और हमें उस कार्य को करने के लिए सब कुछ देना चाहता है जिसे करने के लिए उसने हमें बुलाया है।

यीशु के नाम में सामथ्र्य है। इस वचन के द्वारा, प्रत्येक घुटना स्वर्ग में और पृथ्वी पर और पृथ्वी के नीचे उसके सामने झूकना है (फिलिप्पियों 2:10 देखिए)। उस नाम के सामथ्र्य के द्वारा, मुझको और आपको बीमारों पर हाथ रखना है और वे चंगे होंगे, दुष्टात्माओं को निकालना है और वे भागेंगे और उन कार्यों को करना है जो यीशु ने किया और उससे भी बढ़कर कार्य करें जिससे परमेश्वर की महिमा हों। (मरकुस 16:17-18; और यूहन्ना 14:12 देखिए)

यीशु ने हमारे लिए एक महत्वपूर्ण विरासत खरीदी है, अपने लहू के बहाने के द्वारा, अब हम उसके संगी वारिस हैं (रोमियों 8:17 देखिए)। सब कुछ जो उसने अपने बलिदान के द्वारा खरीदा है वह स्वर्ग में हमारे लिए रखा है। हमारे पास उस भण्डार कक्ष की चाबी है और वह चाबी प्रार्थना है।

हमें भय और कमी में जीने की ज़रूरत नहीं है। उन चाबियों को इस्तेमाल करना और उन द्वारों को खोलना प्रारंभ करें ताकि स्वर्गीय आशीषें परमेश्वर की महिमा के लिए हम पर बरसाई जाएँ ताकि उसकी स्वर्गीय इच्छा पृथ्वी पर पूरी हो जैसे स्वर्ग में पूरी होती है; ताकि हमारा आनंद पूरा किया जाए।

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