लोगों के साथ अच्छा बर्ताव करें

जो कंगाल की दोहाई पर कान न दे, वह आप पुकारेगा और उसकी सुनी न जाएगी। (नीतिवचन 21:13)

आज की आयत का अर्थ है कि जब मैं जरूरतमंद लोगों पर ध्यान नहीं देती और उनकी सहायता करने के लिए कुछ नहीं करती हूं, तब जब मुझे आवश्यकता होगी तो मेरी सहायता के लिए परमेश्वर उत्तर ना देने का झुकाव रखता हो सकता है।

लोगों के लिए अच्छा होना हमारे मित्रों और परिवार से आगे हमारे समुदायों तक जाता है। मुझे एक बार आँकड़ों का पढ़ना याद है जो कहते थे कि सैंट लुईस में एक बेघर व्यक्ति की औसतन उम्र सात साल थी। मेरे शहर में! क्या आप जानते है कि बीस साल पहले मेरा जवाब क्या रहा होगा, “यह तो काफी दयनीय है।” पर अब, मैं ऐसी असलियत के प्रति जानती जैसा कि एक यह थी और कहती हूं, “मैं उसके बारे में कुछ करने जा रही हूं!” लोग कह सकते है, “जॉयस, तुम्हारे लिए यह कहना आसान है; तुम्हारे पास एक बड़ी सेवकाई है और बहुत से लोगों तक पहुँच है जो सहायता कर सकते है।” हो सकता आपके पास कुछ वो स्रोत ना हो जो हमारे पास सेवकाई में है, पर आपके पास प्रार्थना करने की वही योग्यता है जैसा मैं करती हूं। आप एक ऐसी सेवकाई को अपना दान भेज सकते है जो सहायता करने और आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास कर रही है। आप जा कर स्वैइच्छा से थोड़ा अपना समय दे सकते है। हम सब कुछ कर सकते है अगर हम सचमुच करना चाहे।

मैं विश्वास करती हूं कि हमारी बहुत सी प्रार्थनाओं का उत्तर नहीं मिलता और कई बार हम परमेश्वर की आवाज सुनने में असफल हो जाते है क्योंकि हम हमारे इर्द-गिर्द मुश्किल परिस्थितियों के लिए दया या तरस को नहीं दिखाते। सच्चाई यह है, हम केवल अच्छे होने के द्वारा ही अद्भुत फसल को प्राप्त कर सकते है! अगर आप कभी भूला दिए गए या ग़लत बर्ताव किए गए है, तब आप जानते है कि यह कितना कष्टदायक होगा। अगर आप प्रभावी प्रार्थनाएं चाहते है – अगर आप चाहते कि परमेश्वर के कान आपकी आवाज की तरफ खींचे आएं – तो आपको लोगों के साथ अच्छा बर्ताव करना और उनके साथ अच्छे बनना है।


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः सबसे बड़ी बातें जो आप कर सकते उनमें से एक आप से कम भाग्यशाली किसी व्यक्ति की सहायता करना है।

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