मुंह देखकर न्याय न चुकाओ [दिखावे ओर बाहरी रूप देखकर], परन्तु ठीक ठीक न्याय चुकाओ। (यूहन्ना 7:24)।
कई बार हम परमेश्वर की आवाज को हमारे हृदयों में सुनते है और कई बार हम सीधा ही उसके वचन के द्वारा सुनते है। आज का वचन परमेश्वर से एक बहुत ही स्पष्ट, विशेष वचन हमारे लिए है। वह हमें दिखावे से या प्रकटाव के द्वारा लोगों को ना परखने के लिए कहता है।
चार सालों तक मैं एक ऐसी व्यक्ति थी जो कड़क न्याय करती थी। परमेश्वर ने गंभीरता से कई बार इसके बारे में मेरे साथ हल किया, और अंत मैंने शीघ्र और देखने के द्वारा न्याय करने के खतरे को पहचाना।
इससे पहले कि हम लोगों का न्याय करें, हमें वास्तव में यह जानने के लिए समय निकालना चाहिए कि वह असल में कौन है। नहीं तो, हम दोनों में किसी एक गलती को कर सकते है; 1) हम किसी को इसलिए प्रमाणित कर सकते क्योंकि वह कुछ प्रतीत होते है, जबकि वास्तव में वह नहीं है; या 2) हम किसी को उनके बाहरी प्रकटाव या काम के कारण अप्रमाणित नहीं कर सकते, जबकि वह वास्तव में अन्दर से एक अद्भुत व्यक्ति हो सकता है।
हम सब की हमारी अपनी छोटी धुन, हमारे अजीब छोटे कार्य, व्यवहार, और ढंग होते है जो कि आसानी के साथ अन्यों के द्वारा नहीं समझे जाते। परमेश्वर स्वयं कभी भी देख कर न्याय नहीं करता और हमें उसके उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए।
दाऊद कभी भी राजा करके नहीं चुना गया होना था अगर लोगों ने देख कर न्याय किया होता। यहां तक कि उसके अपने परिवार ने उसको नजरअंदाज किया था। उन्होंने एक संभावी उम्मीदवार करके भी उसको नहीं देखा था
(1 शमूएल 16:1-13)। पर परमेश्वर ने दाऊद के दिल को देखा था जो कि एक चरवाहे का दिल था। परमेश्वर ने एक आराधक को देखा था, कोई ऐसा जिसके पास उसके लिए एक दिल था, कोई जो उसके हाथों में लचीला और साँचे में ढलने वाला था। यह वह मूल्य है जो परमेश्वर देखता है, पर वे सदा एक ही नजर में नहीं दिखते है।
मैं आपको परमेश्वर को खोजने और पवित्र आत्मा को लोगों के बारे में आपसे बात करने की अनुमति देने के लिए उत्साहित करती हूँ। वह उनके हृदयों को जानता है, और वह आपको बताएगा कि क्या उनके साथ एक संबंध में आपको सचेत रहना या उसे खोजना है। आपके लोगों को जानने और उनके साथ संबंध को विकसित करने के लिए, उस पर भरोसा करना है, आपके अपने न्याय पर नहीं।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः अन्यों के प्रति वही रवैया रखें जो आप चाहते है कि वो आपके प्रति रखें।