अब जो तुम्हें ठोकर खाने से बचा सकता है, और अपनी महिमा की भरपूरी के सामने मगन और निर्दोष (बेदाग और दोषरहित) करके खड़ा कर सकता है। — यहूदा 24
बहुत से बच्चे जो अभी तैरना सीख रहे हैं, उन्हें स्वीमिंग पूल में डर लगता हैं। जब तक उन्हें माता-पिता या कोई अन्य भरोसेमंद वयस्क वहां नहीं ले जाते, तब तक वे असुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि पानी उनके सिर के ऊपर तक है।
हमारे जीवन के विभिन्न मुक्कामों पर, हम सभी डरते हैं कि परिस्थितियां “हमारे सिरों के ऊपर” से जा रहे हैं या हमें लगता है कि स्थितियां “समझ से बाहर हैं।” वास्तविकता यह है कि परमेश्वर के बिना हमारी परिस्थितियां हमेशा हमारे सिरों के ऊपर ही होते हैं। जीवन में हमारे चारों ओर कठिनाइयां और चुनौतियां हैं। कुछ छोटी और असुविधाजनक होती हैं; अन्य बड़ी और डरावनी होती हैं। कार खराब हो जाती है, नौकरी छूट जाती है, किसी मित्र या परिवार के सदस्य की मृत्यु हो जाती है, बहस होती है, डॉक्टर की ओर से खराब रिपोर्ट आती है। जब ऐसी चीजें होती हैं, तब घबराना आसान होता है क्योंकि हमें लगता है कि पानी हमारे सिरों के ऊपर चला गया है।
लेकिन सच्चाई यह है कि जब जीवन के महत्वपूर्ण तत्वों की बात आती है तब हम वास्तव में कभी भी चीजों पर नियंत्रण नहीं रख सकते हैं। हमें आगे ले जाने के लिए हम हमेशा परमेश्वर के अनुग्रह पर निर्भर रहे हैं। परमेश्वर के लिए कभी भी परिस्थितियां कठिन नहीं होती हैं। जब हम उस पर निर्भर होते हैं, तब हम आराम कर सकते हैं और शांति में रह सकते हैं, यह जानते हुए कि वह हमें आगे ले जाएगा। वह हमें कभी हारने नहीं देगा।
आप आपके पिता की बाहों में सुरक्षित हैं। यहां तक कि जब आपको लगता है कि पानी आपके सिर के ऊपर चला गया है, तब भी वह आपको उसके अनुग्रह से थामे रहेगा।