विश्वास करना एक विजय की स्थिति है

विश्वास करना एक विजय की स्थिति है

परमेश्वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्वास करने में सब प्रकार के आनंद और शांति से परिपूर्ण करे, कि पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए। – रोमियों 15:13

रोमियों 15:13 मेरे पसन्दीता पदों में से एक है। यह कहता है कि आनंद और शांति विश्वास करने में पाई जाती है। मैं स्मरण करती हूँ मैं एक ऐसे समय से गुज़र रही थी जिसमें मैंने अपना आनंद और शांति खो दिया था। मैं नहीं जानती थी कि मेरे साथ क्या गलत है। इसलिए मैं छोटी सी “प्रतिज्ञा की पेटी” के पास गई जिसमें वचन भरे पड़े थे और मैंने उसको उलटना पलटना शुरू किया। मुझे उसमें से एक छोटा सा कार्ड़ मिला और उसके द्वारा तुरन्त ही प्रभु ने मुझ से बातें की। जो यह कहता था, “रोमियों 15:13 आनंद और शांति विश्वास में पाई जाती है।”

जैसे ही मैंने वापस विश्वास रखने में कदम रखा मेरा आनंद और शांति वापस आ गया। और यही बात आपके लिए भी सत्य है जैसे ही आप संदेह करना प्रारंभ करते हैं आप अपनी शांति और आनंद को खो देते हैं। परन्तु जैसे ही आप पुनः विश्वास करना प्रारंभ करते हैं तो आपको शांति और आनंद आपके पास वापस आता है। परमेश्वर ने हमें प्रसन्न और शांति से परिपूर्ण रखने के लिए एक हथियार दिया है। निश्चय ही जैसे ही हम विश्वास करना प्रारंभ करते हैं शैतान हमारे कानों में कहना शुरू करता है। “यह मूर्खता है! क्या होता यदि आप विश्वास करते और वह नहीं पाते जिसके लिए आप विश्वास कर रहे हैं।” यही समय है जब हम को वापस उत्तर देना है, “नहीं, यह मूर्खता नहीं है। क्या होता यदि मैं विश्वास करता और जो मैं विश्वास कर रहा हूँ वह प्राप्त करता। परन्तु यदि मैं प्राप्त नहीं भी करूँ फिर भी मैं प्रसन्न हूँ और अधिक शांतिपूर्ण हूँ संदेह करने के बजाए विश्वास करने के द्वारा।”

इसलिए यह एक विजय की स्थिति है। विश्वास करने पर नुकसान करने का कोई भय नहीं है। क्योंकि यदि हम विश्वास करते हैं तो वह पाने का हक़दार हैं जिसके लिए हम विश्वास कर रहे हैं। परन्तु यदि हम नहीं भी पाते हैं तो हम आनन्दित और शांति से परिपूर्ण रहेंगे। इसीलिए यह उपयुक्त है कि हम विश्वासी हृदय रखें।

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