चलने में तुझे रोक टोक न होगी, [तेरा मार्ग साफ और स्पष्ट होगा] और चाहे तू दौड़े, तौभी ठोकर न खाएगा। (नीतिवचन 4:12)।
परमेश्वर से कैसे सुनना कि मेरी यात्रा में, मैंने पहचाना कि अंततः हमें साधारण तौर पर विश्वास करना चाहिए कि वह हमारी अगुवाई कर रहा और मार्गदर्शन कर रहा है। हमें उसे हमारे कदमों का मार्गदर्शन करने के लिए कहना चाहिए और विश्वास के द्वारा मानना चाहिए कि वह जो हमने माँगा वो कर रहा है। यहां पर कई समय होते जब मैं स्पष्ट परमेश्वर से आवाज को सुनती हूं, पर ज्यादातर समय मैं मेरे दिन के लिए प्रार्थना करती और विश्वास में जाती हूं।
परमेश्वर बहुत सी बातों से हमें दूर रखता है जिनके बारे में हम कभी नहीं जानते। मैं सोचती हूं कि कितनी बार अगर मैं सुबह को परमेश्वर के मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना ना करती तो मैं दुर्घटना में हो सकती थी? कितनी बार मैं भयानक ट्रैफिक जाम से बच गई थी क्योंकि मैंने साधारणता जो मैं आम तौर पर रास्ता लेती थी उससे एक भिन्न मार्ग को लिया था। मैं आपको दृढ़ता के साथ प्रार्थना करने के लिए, परमेश्वर की अगुवाई और मार्गदर्शन को माँगने, और फिर दिन भर यह कहने के लिए उत्साहित करती हूं: “मैं विश्वास करती हूं कि मैं आज और हर दिन परमेश्वर के द्वारा अगुवाई की जाती हूं।”
भजन संहिता 139:2 कहती है कि परमेश्वर हमारा उठना और बैठना जानता है। अगर वह हर बार जब हम उठते और बैठते है, और उसके वचन में हमारे बारे में बात करने के लिए समय निकालते है, तब वह निश्चय देखता और बाकी सब बातों की परवाह करता है।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः आप इस ज्ञान में आराम कर सकते है कि परमेश्वर हर कदम पर आपके साथ व्यस्त है।