जब वे तुम्हें पकड़वाएँगे तो यह चिंता न करना कि हम किस रीति से या क्या कहेंगे, क्योंकि जो कुछ तुम को कहना होगा, वह उसी घड़ी तुम्हें बता दिया जाएगा। – मत्ती 10:19-20
क्या आप समझते हैं कि कितनी अधिक शांति हमारी हो सकती है यदि हम जीवन में सामना करनेवाली प्रत्येक परिस्थितियों में क्या कहने या करने की ज़रूरत है उन सब को पहले ही कल्पना करने का प्रयास करना बंद कर देंगे। यदि आप मेरे समान हैं स्वयं को प्रत्येक परिस्थिती के लिए तैयार करने का प्रयास करते हैं। आप का भविष्य की ओर दौड़ना संभव है। आप योजना बनाने और प्रत्येक शब्द को इन्टर्व्यू और बातचीत में कहने जा रहे हैं उसका अभ्यास करने का प्रयास करते हैं। यहाँ यीशु हम से कह रहा है कि हमें ऐसा नहीं करना है। वह हम से कह रहा है कि इन सब के लिए पवित्र आत्मा पर भरोसा रखना है जो हमें अगुवाई और दिशा देगा।
जब हमें कठोर निर्णय लेने हैं या कठिन समस्याओं को सुलझाना है या कठिन लोगों का सामना करना है पवित्र आत्मा उचित समय और सही व्यवहार का निर्णय लेगा। वह हमें कहने के लिए सही शब्द देगा तब तक हमें स्वयं इसके विषय में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। यदि हम ध्यान देते हैं कि प्रभु हमें इस पद में क्या कह रहा है न केवल हम अधिक शांति प्राप्त करेंगे परन्तु हम अधिक सफ़लता का भी आनंद उठाएँगे। क्योंकि जब हमें बात करनी है जो कुछ हमारे मुँह से आता है वह परमेश्वर से आत्मिक बुद्धि होगी और कुछ ऐसा नहीं जो हमने अपने शारीरिक मन से बाहर निकाला है।