संदूक के पीछे चले

संदूक के पीछे चले

…जब तुम को अपने परमेश्वर यहोवा की वाचा का सन्दूक और उसे उठाए हुए लेवीय याजक भी देख पड़ें, तब अपने स्थान से कूच करके उसके पीछे पीछे चलना। – यहोशू 3:3

क्या आप अभी इस समय किसी नए अवसरों का सामना कर रहे है? चाहे यह अवसर कोई भी क्यों ना हो, “संदूक के पीछे चलना” सदा महत्वपूर्ण होता है। उसके द्वारा मेरा क्या अर्थ है? देखो…कई बार हम पुराने जीवन की नीरस स्थितियों के साथ चिपके रहते है क्योंकि हम उनसे परिचित है, और हम अनजान इलाको में जाने से डरते है। और फिर यहां पर कई बार समय होते है जब हम हमारे सामने कुछ नए को महसूस कर सकते और हम सीधा इस में कदम बढ़ाना चाहते है…इसे करने के लिए परमेश्वर के समय से पहले ही।

यहोशू 3:3 में, परमेश्वर इस्राएल से वाचा के संदूक के पीछे चलने की बात करता है। संदूक परमेश्वर के अभिषेक…परमेश्वर की उपस्थिति…परमेश्वर की इच्छा का प्रतिनिध करता है। हमारी स्वयं की इच्छा या अन्यों की इच्छा नहीं पर परमेश्वर की इच्छा का अनुकरण करने को सीखना बहुत महत्वपूर्ण है।

परमेश्वर के पास आपके और मेरे लिए एक योजना है, और उस योजना को प्रकट होते हुए देखने का एकलौता ढंग संदूक, या परमेश्वर की इच्छा के पीछे चलना है, नाकि हमारे शरीर, अन्य लोगों या हमारी भावनाओं के पीछे।

आज याद रखें कि जो भी आपके जीवन के लिए परमेश्वर की इच्छा है, वह इसे पूरा करने के लिए मार्ग का प्रबन्ध करेगा।


आरंभक प्रार्थना

परमेश्वर, इस्राऐलियों के समान ही, मैं जानती हूँ कि मुझे “संदूक के पीछे” चलने की आवश्यक्ता है। नए अवसरो के लिए मेरा समय मायने नहीं रखता…केवल आपकी इच्छा मायने रखती है। जब मैं आपके पीछे चलती हूँ, मैं जानती हूँ कि आप आपकी योजना को मेरे जीवन में पूरा होने के लिए एक मार्ग बनाएंगे।

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