परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से ना कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा। (यूहन्ना 16:13)।
मैं बहुत अप्रसन्न थी और मेरे जीवन में बहुत सी मुश्किलें थी, पर कई सालों तक मैंने उसका दोष अन्य लोगों पर और मेरी परिस्थितियों पर लगाया था। अच्छे संबंधों को विकसित करना और कायम रखना मेरे लिए मुश्किल था, और मैं कायल थी कि मेरे जीवन में सभी लोगों को बदलने की आवश्यकता थी ताकि हम साथ रह सकें। यह कभी भी मुझे ख्याल नहीं आया कि मैं ही इन सभी समस्याओं का कारण हो सकती हूं।
एक बार 1976 में, जब मैंने मेरे पति के बदलने के लिए प्रार्थना की, पवित्र आत्मा ने मेरे दिल के साथ बात करना आरम्भ किया। मैं हैरान रह गई जब उसने कोमलता के साथ मेरे उस भ्रम से परदा हटाया जो मैंने स्वयं पर यह विश्वास करते हुए डाला हुआ था कि मुझे छोड़ बाकी सब समस्या थे। तीन दिनों तक, पवित्र आत्मा ने मुझ पर प्रकट किया कि मेरे साथ रहना मुश्किल था मुझे प्रसन्न रखना असंभव, मैं आलोचक, स्वार्थी, प्रभुता करने वाली, नियंत्रण करने वाली थी – और यह उस सूची का केवल आरम्भ था।
इस सच्चाई का सामना करना मेरे लिए बहुत मुश्किल था, पर जैसे-जैसे पवित्र आत्मा ने मुझे अनुग्रह दिया, मैंने मेरे जीवन में चंगाई और आजादी की एक यात्रा को आरम्भ किया। बहुत सी सच्चाईयां जिन्हें मैं आज सिखाती हूं यह उसी समय से आई थी। शैतान बड़ा धोखेबाज और झूठ का पिता है, अगर वह हमें अन्धेरे में रख सकता है, तो वह हमें गुलामी और लाचारी में रख सकता है। यद्यपि कि सच्चाई का सामना करना कष्टदायक हो सकता है, यह उन्नति और आजादी के लिए अनिवार्य है।
जैसा कि यीशु ने आज के लिए वचन में कहा है, पवित्र आत्मा सत्य का आत्मा है, और वह सारी सच्चाई में हम से बात करेगा और हमारा मार्गदर्शन करेगा।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः पवित्र आत्मा को आपके जीवन में किसी भी भ्रम के क्षेत्र को आप पर प्रकट करने के लिए कहें।