
और तुम सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा। -यूहन्ना 8:32
अंतत:, जो हम सोचते और विश्वास करते कि सत्य है उससे आगे हम कभी नहीं जा सकते।
बहुत से लोग आज जो वह विश्वास करते उसके बारे में तर्कसंगत नहीं सोचते है और अपने पूरे जीवनों का अंत उस पर निर्माण कर लेते हैं जो साधारण सत्य नहीं होता। जो कुछ भी समाचारों में, एक अभिनेता या मित्रों का एक समूह कहता वह उनके लिए “सत्य” बन जाता है।
स्वयं वचन खोजने की बजाए जो दूसरे कहते उस पर विश्वास करना असल में आपको सीमित करता है और जो करने के लिए परमेश्वर ने आपको उत्पन्न किया वह करने से आपको रोकता है। पर, अगर आप सत्य के साथ सहमत होते, इसे स्वीकार करते और इस पर अपने जीवन का निर्माण करते, तो आप हर प्रयास में सफल होंगे।
अगर आप परमेश्वर की सच्चाई में बने रहना चाहते है, तो आपको आपकी प्रतिदिन की दिनचर्या में एक पहल के साथ उससे संचार करना होगा। मैं प्रार्थना के द्वारा, उसका वचन पढ़ने, आराधना के द्वारा और दिन भर उसकी उपस्थिति और मार्गदर्शन को साधारणता माँगने के द्वारा संचार करने के लिए जितना कहूँ उतना कम है।
जब आप परमेश्वर को जानते, आप सत्य को जानते है। उसकी सच्चाई में जीवन व्यतीत करना आपके जीवन के लिए शांति, स्वतंत्रता और आनन्द को लाएगा।
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, जो सत्य है उसके बारे में मेरे विचारों और विश्वासों द्वारा मैं सीमित नहीं रहना चाहती हूँ। केवल आप ही सत्य का स्रोत है। जब मैं आपके साथ संचार के लिए समय व्यतीत करती हूँ, तो आपकी सच्चाई मुझे दिखाएं और मेरा मार्गदर्शन करें।