जिसके हृदय में बुद्धि है, वह समझ वाला कहलाता है, और मधुर वाणी के द्वारा ज्ञान बढ़ता है। – नीतिवचन 16:21
आज कल एक शब्द जो हम ज्यादा नहीं सुनते वह समझदारी है। इसका अर्थ “सावधानी के साथ प्रबन्धः अर्थ-प्रबन्ध।”
बाइबल में, समझदारी, या समझदार का अर्थ है, “परमेश्वर ने जो वरदान हमें इस्तेमाल करने के लिए दिए है, उनके अच्छे भण्डारी या प्रबन्धक होना है।” उन वरदानों में, समय, ऊर्जा, ताकत और सेहत शामिल है – यहां तक कि संसारिक वस्तुएं भी। उन में हमारे शरीर, साथ ही हमारे मन और आत्माएं भी शामिल होती है।
ठीक जैसा कि हम में से प्रत्येक को भिन्न-भिन्न वरदानों का एक समूह दिया गया है, हम में से प्रत्येक को उन उपहारों को प्रबंधित करने की क्षमता के विभिन्न स्तर दिए गए हैं।
बहुत से लोग अपने वरदानों और योग्यताओं को उन ढंगों में निरंतर उपयोग करने के द्वारा थका ही लेते है जो कि परमेश्वर ने नहीं चाहा था। अन्यों को प्रसन्न करने या हमारे व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लक्ष्यों तक स्वयं को धकेलने की बजाए, हमें परमेश्वर की सुनने और जो वो करने के लिए कह रहा है उसे करना ही बुद्धिमानी है।
लोगों को प्रभावित करने और उनके मापदंडों के अनुसार जीवन व्यतीत करना समझदारी नहीं है। समझदारी का अर्थ है परमेश्वर से पूछना कि कैसे वह चाहता है कि आप वरदानों का इस्तेमाल करें और फिर आज्ञा पालन करना है। आज ही परमेश्वर की समझदारी को सीखें और इसे अभ्यास में लाएं ताकि आप उस ढंग के जीवन का आनन्द ले सके जैसा उसने चाहा था।
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, मैं सब जो आपने मुझे दिया है उसका एक अच्छा भण्डारी होने की इच्छा रखती हूँ। मैं अब केवल आपके लिए मेरे वरदानों और योग्यताओं को इस्तेमाल करने का निर्णय करती हूँ। मुझे दिखाए कि कैसे आपकी समझदारी और बुद्धिमानी से उनका इस्तेमाल करना है।