
वह अनाथों और विधवा का न्याय चुकाता, और परदेशियों से ऐसा प्रेम करता है कि उन्हें भोजन और वस्त्र देता है। -व्यवस्थाविवरण 10:18
कोई किसी आवश्यकता में है उसको देख और सुनकर बिल्कुल कुछ भी ना करना गलत है। मैं इसकी व्याख्या बताती हूँ…
कुछ समय पहले, प्रभु ने मुझे प्रकट किया कि कैसे वह दृढ़ता से महसूस करता है कि मुझे कुचले हुओं को न्याय दिलाने के लिए काम करना चाहिए। यह मसीह की देह में सबकी बुलाहट के लिए उसका भाग है।
वह ऐसे लोगों को जब से उसने पुराना नियम दिया है तब से उन्हें खोज रहा है जो अनाथों, विधवाओं, गरीबों, अकेले और भूला दिए गए लोगों को सहायता करें।
मूसा के द्वारा उसने बोलते हुए कहा, तुम किसी विधवा या अनाथ को दुख ना देना (निर्गमन 22:22)। परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता, वह अनाथों और विधवाओं का न्याय चुकाता, और परदेशियों से ऐसा प्रेम करता है कि उन्हें भोजन और वस्त्र देता है। (व्यवस्थाविवरण 10:18)। परमेश्वर ने लोगों को बताया कि अगर वह परदेशियों, विधवाओं और अनाथों को भोजन खिलाते है, वह उनके हाथों के कामों को आशीष देगा (देखें व्यवस्थाविवरण 14:29)।
आज संसार में सबसे ज्यादा अकेले और भूलाए गए लोग वो लड़कियां है जो जीवित रहने के लिए वेश्या के कार्य में डाल दी गई है, उन माता-पिता के अनाथ लड़के जो एड्स के कारण मर गए, गलियों में रहते बेघर लोग…यहां पर बाहर बहुत से जरूरतमंद लोग है।
यह सब प्रबल प्रतीत हो सकता है, और आप सोच रहे हो सकते है, मैं इसके बारे में क्या कर सकता हूँ? परमेश्वर ने मुझे सिखाया है कि जब कि मैं सभी बातों को हल नहीं कर सकती हूँ, अगर मैं एक भी व्यक्ति के दुखों को मिटाऊँ, मैं एक फर्क को बना रही हूँ।
कृपया यह न सोचें कि जो आप दे रहे हैं वह काफी नहीं है। दुखी, टूटे हुए, भिखारी और बेघर लोग हर तरफ है। क्या आप आज उनकी सहायता करेंगे?
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, आप सचमुच उनकी सहायता करना चाहते जो गरीब और अकेले है। न्याय के लिए अपना दिल मुझे दें और उन दुखी और टूटे हुए लोगों को मुझे दिखाएं जिनकी आप चाहते है कि मैं सहायता करूँ।