
तब राजा उन्हें उत्तर देगा, मैं तुम से सच कहता हूँ कि तुमने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाईयों मे से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया। -मत्ती 25:40
मैंने रूस में के एक सुसमाचारक के बारे एक कहानी को सुना जो लोगों को यह बताते घूमता था, “यीशु आपसे प्रेम करता है। यीशु आपसे प्रेम करता है।” वह सुसमाचार की पर्चियों को बाँट रहा था, और एक स्त्री ने कहा, “क्या तुझे पता है? तुम्हारा प्रचार और सुसमाचार पर्चियां मेरा पेट नहीं भरेंगी।”
वह कहानी एक महत्वपूर्ण बात को बताती हैः कई बार हमें लोगों को उनकी भौतिक आवश्यकताएं पूरा करते हुए परमेश्वर के प्रेम को दिखाना होता है और फिर हम मसीह का सुसमाचार बाँट सकते है।
यीशु ने लोगों की भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करने की महत्ता के बारे में बोला था। मत्ती 25 में, उसने कहा कि जब हम भूखों को भोजन खिलाते, या प्यासे को पानी देते, या नंगे को कपड़ा पहनाते, या बीमार की देखभाल करते, तो यह हम प्रभु के लिए कर रहे है। उसने हमें दिखाया कि कैसे एक व्यवहारिक ढंग में किसी की सहायता करना किसी के साथ सुसमाचार बाँटने के एक अद्भुत अवसर को उत्पन्न कर सकता है।
जब कोई उनके अपने जीवन में एक असल ढंग में परमेश्वर के प्रेम को कार्य करते देखता तो, उनके लिए हमारे संदेश पर विश्वास करना आसान होता है कि परमेश्वर उन से प्रेम करता है।
इस तरह यह व्यवहारिक ढंग में कैसा दिखाई देता है? यह एक छोटी सी बात के द्वारा आरम्भ हो सकता है, जैसा कि पास के किसी व्यक्ति को जो स्वयं को अप्रिय महसूस करता है उसे गले लगाना। वहां से आप, उन सेवकाईयों की सहायता कर सकते हैं जो बिमार, प्यासे और भूकों की मदत करते हैं। आप आपके समुदाय में आऊटरीच के लिए या दुकान पर सेवा के लिए स्वयंसेवक बन सकते, या वह जो दूसरे देश में आवश्यकता में है की सेवा के लिए मिशन यात्रा पर भी जा सकते है।
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मैं अपने शब्दों के साथ कार्य भी करना चाहता हूँ। मुझे दिखाएं कि कैसे मैं व्यवहारिक तौर पर उन लोगों की सहायता कर सकती हूँ जो रास्ते में आते है ताकि वह भी आपके प्रेम की शक्ति का अनुभव कर सकें।