स्वयं को प्रेम करें ताकि आप अन्यों को प्रेम कर सकें

स्वयं को प्रेम करें ताकि आप अन्यों को प्रेम कर सकें

…तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखनाः इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं। – मरकुस 12:31

जब आप स्वयं को पसंद नहीं करते तो जीवन का आनन्द लेना कठिन होता है। लोग जिन्होंने ने स्वयं को स्वीकार करना और अपने साथ सही से चलना नहीं सीखा उन्हें अन्यों को स्वीकार करने और उनके साथ मिल कर चलने में ज्यादा मुश्किल होती है।

मैंने व्यक्तिगत तौर पर लोगों के साथ मिलकर चलने में कई साल कठिन समय में खर्च किए है, तब एक समय मैंने अंततः परमेश्वर के वचन के द्वारा यह पहचाना कि अन्यों के साथ मेरी मुश्किल असल में मेरे साथ मेरी मुश्किलों में ही “जड़” पकडे़ हुए थी। मैंने स्वयं को पसंद नहीं किया था!

बाइबल कहती है कि एक अच्छा पेड़ अच्छा फल लाएगा, और एक सड़ा हुआ सड़ा फल लाएगा। इसी तरह ही, हमारे जीवनों का “फल” हमारे जीवनों के अन्दर के “जड़” से आता है। अगर आप शर्मिन्दगी, दोष भावना, असुरक्षा, प्रेम की कमी और स्वीकृति आदि में जड़ पकड़े हुए हैः आपके संबंधों का फल दुख सहन करेगा।

हालांकि, एक बार जब आपके लिए परमेश्वर के बेशर्ता प्रेम का आपको प्रकटीकरण होता है और आप खुद को और दूसरों को स्वीकार करना शुरू करते हैं, तो अंततः ये नई जड़ें अच्छे फल का उत्पादन करेंगी, और आपके रिश्ते फलेंगे।

आपकी जड़े किस में स्थापित है? आज अपने हृदय को जाँचे और प्रार्थना करें कि परमेश्वर आपको उसके प्रेम की अपनी भूमि में स्थापित करें ताकि आप सच्ची रीति से स्वयं और अन्यों को प्रेम कर सकें। यह सुनिश्चित करें कि आज आपकी जड़े उस में स्थापित हो।


आरंभक प्रार्थना

परमेश्वर, आपके लिए मेरे प्रेम में जड़ पकड़ना चाहती हूँ। आपके प्रेम के बिना, मैं स्वयं को या अन्यों को प्रेम नहीं कर सकती हूँ। इसलिए मैं आज इसे प्राप्त करती हूँ।

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