माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; (आदरपूर्वक) खटखटाओ, तो तुम्हारे लिए (द्वार) खोला जाएगा। -मत्ती 7:7
2 इतिहास 20 में राजा यहोशापात ने परमेश्वर के प्रति अपनी गंभीरता को दिखाने के लिए उपवास की घोषणा की। कुछ एक समय भोजन नहीं करना और कुछ समय परमेश्वर की खोज में उपयोग करना एक बुरा विचार नहीं है। टेलीविज़न को बंद करना और उस समय को जो सामान्य रीति से हम टेलीविज़न देखते हुए व्यतीत करते हैं परमेश्वर के साथ व्यतीत करना एक बुरा विचार नहीं है। कुछ शाम घर पर ठहरना और अतिरिक्त समय प्रभु के साथ व्यतीत करने के बजाए कि अपने मित्रों के साथ बाहर जाना और अपनी समस्याओं को बार बार उन्हें बताने के बजाए प्रभु के साथ समय व्यतीत करना। ये बातें और अन्य बातें दिखाती हैं कि हम जानते हैं कि परमेश्वर से सुनना श्रेष्ठ है।
मैंने खोजना शब्द को सिखा है जिसका अर्थ है पीछा करना, पा लेना और अपने सारी शक्ति के साथ पीछे लग जाना। दूसरे शब्दों में हम एक भूखे व्यक्ति के समान व्यवहार करते हैं जो अपने को जिन्दा रखने के लिए भोजन की खोज में है। मैं यह भी जोड़ना चाहूँगी कि हम सबको हर समय परमेश्वर को खोजने की ज़रूरत है, केवल उस समय नहीं जब हम कष्ट में हों। कई बार परमेश्वर ने मुझ से वह कारण कहा, कि अधिकांश लोगों के साथ हर समय समस्या क्यों होती है। वह इसलिए था क्योंकि यही समय था जब वे प्रभु को खोजते थे। उसने मुझे दिखाया कि यदि वह समस्याओं को हटा लेता तो वह लोगों के साथ कोई भी समय नहीं बीता पाता। उसने कहा, ‘‘मुझे खोजो, जैसे कि तुम हर समय परेशानी में रहते हो, और वैसे तुम अधिकांश समय परेशानी में नहीं पाओगे।” मैं सोचती हूँ कि यह एक अच्छी सलाह है, और मैं बहुत अधिक सिफ़ारिश करती हूँ कि हम सब इसका अनुसरण करें।