तब लोगों ने आकर यहोशापात को बता दिया, कि ताल के पार से एदोम देश की ओर से एक बड़ी भीड़ तुझ पर चढ़ाई कर रही है…तब यहोशपात डर गया और यहोवा की खोज में लग गया, और पूरे यहूदा में उपवास का प्रचार करवाया। (2 इतिहास 20:2-3)
जब राजा यहोशपात को परमेश्वर से सुनने की आवश्यकता पड़ी, तो उसने अपने पूरे यहूदा राज्य में उपवास की घोषणा की। मदद के लिए प्रभु की तलाश में सभी लोग अपने सभी दिलों से उसे चाहते हुए इकट्ठा हुए।
यहोशपात ने परमेश्वर के प्रति अपनी ईमानदारी और परमेश्वर की आवश्यकता को प्रदर्शित करने के लिए उपवास की घोषणा की। यदि आपको परमेश्वर से सुनने की आवश्यकता है, तो कुछ भोजन छोड़ने पर विचार करें, और उस समय में परमेश्वर की तलाश करें। टैलीविजन को बंद करना और उसकी बजाय परमेश्वर के साथ समय बिताना या परमेश्वर की तलाश के लिए घर पर कुछ शामें बिताना, दोस्तों के साथ बाहर जाने और उनकी सलाह और राय माँगने के बजाय, यह बुरा विचार नहीं है। ऐसे अनुशासन और अन्य भी यह प्रमाणित करते हैं कि आप परमेश्वर से सुनने के महत्व को समझते हैं।
कुछ लोग परमेश्वर से केवल तभी मांगते हैं जब वे मुसीबत में होते हैं, लेकिन हमें हर समय उसे तीव्रता से तलाशने की आवश्यकता होती है। परमेश्वर ने एक बार मुझे बताया था, कि इतने सारे लोगों के पास इतनी सारी समस्याएं इसलिए हैं क्योंकि वे मुसीबत में ही उसे खोजते हैं। उसने मुझे दिखाया कि यदि उनमें से कुछ लोगों की समस्याओं को दूर कर दूं, तो वे उसे बिल्कुल नहीं खोजेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे इस तरह से खोजें जैसे तुम्हें हमेशा मेरी आवश्यकता है और तब तुम खुद को वास्तविकता में इतनी बार आवश्यकता में नहीं पाओगे।” मुझे लगता है कि यह अच्छी सलाह है और मैं आपको हर दिन इसका पालन करने के लिए प्रोत्साहित करती हूं।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः
परमेश्वर की तलाश करने के लिए मुसीबत के आने तक इंतजार ना करें; हर समय उसकी तलाश करें।