आज्ञाकारिता का मन

आज्ञाकारिता का मन

परन्तु परमेश्‍वर का धन्यवाद हो कि तुम जो पाप के दास थे अब मन से उस उपदेश के माननेवाले हो गए, जिसके साँचे में ढाले गए थे। रोमियों 6:17

पौलुस ने लिखा कि रोम के विश्वासी पूरे मन से आज्ञाकारी थे। यह महत्वपूर्ण था क्योंकि आधे मन से आज्ञाकारिता – व्यवहार में अनिच्छा से आज्ञाकारी होना संभव है, लेकिन यह आपके पूरे मन की खुशी से आज्ञाकारी होना नहीं है।

परमेश्वर जो कहता है उसका पालन करना केवल दिखावा करने की बात नहीं है, बल्कि सही मनोवृत्ति रखने की बात है। जब आप वास्तव में प्रभु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तब आप आपके जीवन के लिए उसके मार्गदर्शन और निर्देशों का पालन करने के लिए इंतजार नहीं कर सकते।

मैं आपको आपकी आज्ञाकारिता में और ऊपर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं। आपकी आज्ञाकारिता में शीघ्रता से आज्ञापालन करनेवाले, पूर्ण और हर्षित बनें। उस तरह के व्यक्ति न बनें जिसे सबसे आसान काम करने के लिए हफ्तों तक परमेश्वर को ढालना पड़े। खुशी-खुशी वही करें जो परमेश्वर आपको करने के लिए कहता है।

आज्ञाकारिता एक आध्यात्मिक दायित्व से बढ़कर है—यह एक आत्मिक अवसर है! परमेश्वर के प्रति आपकी आज्ञाकारिता को अंततः पुरस्कृत किया जाएगा। आज्ञाकारिता आपके जीवन में एक और आशीष लाने के लिए आवश्यक बीज बोती है। आप कभी भी परमेश्वर से अधिक नहीं दे सकते है; वह हमेशा आपके आज्ञाकारिता के बीज को पुरस्कृत करेगा।


आज्ञाकारिता के मन के परिणामस्वरूप आपके जीवन में परमेश्वर की आशीष आती है।

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