परमेश्वर के साथ समय व्यतीत करना

परमेश्वर के साथ समय व्यतीत करना

इसलिए प्रभु में और उसकी शक्ति के प्रभाव में बलवन्त बनो। -इफिसियों 6:10

जब मैंने पहली बार परमेश्वर के साथ समय व्यतीत करना प्रारंभ किया, यह मेरे लिए कठिन था। मैंने इसे बेवकूफ़ी और स्वयं पर अधिक ध्यान देना महसूस किया। यह मेरे लिए उबाऊ था। मैं बैठ जाती और जम्भाई लेती और प्रयास करती कि मैं सो न जाऊँ। किसी भी योग्य वस्तु के समान प्रभु की उपस्थिती में शांत बैठने में समय लगता है। आपको इसमें बने रहना है और यह कुछ ऐसा नहीं है जो हम किसी ओर से सीख सकते हैं। मैं नहीं सोचती कि किसी और मनुष्य को परमेश्वर के साथ संगति बनाना सिखाना संभव है? क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति भिन्न हैं और उसे स्वयं जानना है कि किस प्रकार उसे सृष्टिकर्ता से संवाद स्थापित करना सीख सके।

मेरी संगति के समय में हर प्रकार की प्रार्थना (निवेदन, मध्यस्थता, स्तुति इत्यादि) शामिल होती है, किताबें पढ़ना जो परमेश्वर मेरी सहायता करता है, बाइबल अध्ययन, परमेश्वर की बाट जोहना, पश्चाताप्, रोना, हँसना, प्रकाशन पाना सब शामिल होता है। उसके साथ मेरा समय हर दिन भिन्न होता है।

प्रत्येक व्यक्ति के लिए परमेश्वर के पास एक व्यक्तिगत योजना है। यदि आप उसके पास जाएँगे और उसके अधीन होंगे वह आपके हृदय में आएगा और आपके साथ संगति करेगा। वह आपको सिखाएगा और उस मार्ग में अगुवाई देगा जिसमें आपको जाना चाहिए। अन्य लोग जो करते हैं उसे करने का प्रयास मत कीजिए या किसी और के समान बनने के प्रयास मत कीजिए। केवल प्रभु को अनुमति दें कि वह आपको दिखाए कि आपको किस प्रकार उससे संगति करनी है। तब कदम कदम अनुकरण करें जैसा वह आपके जीवन को दिशा देता है।

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