प्रेम करना एक आदत बनाइए

प्रेम करना एक आदत बनाइए

और प्रेम, और भले कामों में उस्काने के लिए हम एक दूसरे की चिंता किया करें। – इब्रानियों10:24

यदि हम प्रेम को आनंद बनाने में पहल करते हैं तो हमें अपने शब्दों के द्वारा लोगों से प्यार करने की आदत् विकसित करनी चाहिए। दैहिक स्वभाव गलतियों, कमज़ोरियों और पराजयों की ओर इशारा करता है। ऐसा दिखता है कि जीवन की नकारात्मकता को यह पोषित करता है। यह लोगों के साथ जो बातें गलत है उन्हें देखता और बड़ा करता है। परन्तु बाइबल रोमियों 12:21 में कहती है कि हमें भलाई से बुराई को जीतना है।

आत्मा में चलना (लगातार पवित्र आत्मा के कार्य, अगुवाई या प्रेरणा का अपनी स्वयं की आत्मा के द्वारा अनुकरण करना है बजाए की अपनी भावनाओं के द्वारा चलाए चले) में सकारात्मक्ता की आवश्यकता है। परमेश्वर सकारात्मक है और उसके साथ चलने के लिए हमें अवश्य ही उसके साथ सहमत होना है। (आमोस 3:3 देखिए)

किसी के साथ कुछ गलत पाना बहुत आसान है परन्तु प्रेम असंख्य पापों को ढ़ाँप देता है। “सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो, क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढ़ाँप देता है।” (1 पतरस 4:8) प्रेम गलतियों को प्रगट नहीं करता है वह उन्हें ढ़ाँपता है।

Facebook icon Twitter icon Instagram icon Pinterest icon Google+ icon YouTube icon LinkedIn icon Contact icon