प्रभु ने उसे उत्तर दिया, मार्था, हे मार्था; तू बहुत बातों के लिये चिन्ता करती और घबराती है। परन्तु एक बात अवश्य है, और उस उत्तम भाग को मरियम ने चुन लिया हैः जो उस से छीना न जाएगा। (लूका 10:41, 42)
आज के वचन की तरफ ले जाती कहानी में, यीशु दो बहनों, मरियम और मार्था को मिलने के लिए गया। मार्था उसके लिए सब कुछ तैयार करने में व्यस्त थी – घर की सफाई, खाना बनाना, और सब कुछ सही रखने द्वारा एक प्रभाव बनाने का प्रयास करना। मरियम ने दूसरी तरफ यीशु के साथ संगति करने का अवसर चुना था। मार्था अपनी बहन के साथ क्रोधित हो गई, और वह चाहती थी कि वह उठे और काम में उसकी सहायता करे। यहां तक कि उसने यीशु से शिकायत की और उसे कहा कि वह मरियम को भी काम करने के लिए कहे।
यीशु का जवाब “मार्था, हे मार्था” के साथ आरम्भ हुआ, और यह दोनों शब्द पहले जितना हम पहचानते उस से कहीं ज्यादा अर्थ को रखते है। वह हमें बताते है कि मार्था इतनी व्यस्त थी कि उसके पास संबंध के लिए समय नहीं था; वह निकटता की बजाय काम को चुन रही थी; और वह अपने समय का गलत इस्तेमाल कर रही थी और जो महत्वपूर्ण था उसे खो रही थी।
मरियम, यद्यपि कि, बुद्धि में काम कर रही थी; वह उस पल का फायदा उठा रही थी। वह अपना बाकी का समय साफ-सफाई में लगा सकती थी, पर उस दिन, यीशु उसके घर आया था, और वह चाहती थी कि वह स्वागत किया और प्रेम किया गया महसूस करे। वह उसे और मार्था को देखने के लिए आया था, ना कि उनके साफ घर की जाँच को करने। जबकि मैं सोचती हूँ कि एक साफ घर महत्वपूर्ण है, पर यह समय इस बात पर ध्यान देने का नहीं था। यह यीशु पर केन्द्रित होने का समय था क्योंकि वह वहां आया था।
मैं स्वयं को याद कराती और आपको बुद्धि का इस्तेमाल करने और परमेश्वर की उपस्थिति को जब यह उपलब्ध है तो इसे ना खोने के लिए उत्साहित करती हूँ। यहां पर समय होते है जब पवित्र आत्मा हमें प्रार्थना करने या उसकी उपस्थिति में समय खर्च करने के लिए उकसाता है, पर हम काम करना या खेलना पसंद करते है। जब वह बुलाता है, हमें एकदम से जवाब देना चाहिए। उसकी उपस्थिति कुछ भी जो हम कर सकते उसके लाभों से कहीं ज्यादा लाभ को लाती है।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः परमेश्वर की उपस्थिति का आनन्द लेने के अवसर को कभी मत खोएं।