मुक्त

मुक्त

… यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारा एक सहायक (जो हमारे लिए मध्यस्थी करेगा) है, अर्थात् धर्मी यीशु मसीह; और वही हमारे पापों का प्रायश्‍चित है, और केवल हमारे ही नहीं वरन् सारे जगत के पापों का भी। 1 यूहन्ना 2:1-2

मेरे जीवन में एक समय ऐसा भी था जब अगर आपने मुझसे पूछा होता कि, “आखिरी बार आपने क्या गलत किया था?” मैं उस सटीक समय के बारे में विस्तार से बता सकती थी जब मैंने इसे किया था और दोषी महसूस करके मैं इसके लिए कितने समय से भुगतान कर रही थी। मैं मेरे द्वारा की गई प्रत्येक छोटी-छोटी त्रुटि के लिए चिंतित रहती थी और स्वयं को पाप करने से बचाने की पूरी कोशिश करती थी। जब तक मैं परमेश्वर की क्षमा को समझ नहीं पाई, तब तक मैं उस आत्म-विश्लेषण से मुक्त नहीं हुई जिसने मेरे जीवन को चरम सीमा तक जटिल कर दिया था।

यदि आप मानते हैं कि आपको प्रेम और स्वीकृति के योग्य होने के लिए सिद्ध होना चाहिए, तो आप जीवन में निराश हो जाएंगे क्योंकि जब तक आप एक पार्थिव शरीर में हैं तब तक आप कभी भी सिद्ध नहीं हो पाएंगे। आप परमेश्वर के जितने करीब आते हैं, उतना ही आपको एहसास होता है कि वह आपकी खामियों के बीच भी आपसे प्रेम करता है। परमेश्वर के प्रति प्रेम के कारण, हम स्वाभाविक रूप से उसे प्रसन्न करने का प्रयास करेंगे, लेकिन हम आश्वस्त रह सकते हैं कि वह हमारी खामियों को समझता है।

स्वयं की निंदा न करें। परमेश्वर आपके हृदय को देखता है—इसमें आपकी इच्छा उसे हर चीज में प्रसन्न करने की है—लेकिन जब तक आप स्वर्ग नहीं जाते, तब तक आपका प्रदर्शन आपके हृदय की इच्छा से पूरी तरह मेल नहीं खाएगा। आप हर समय सुधार कर सकते हैं और सिद्धता के निशान की ओर बढ़ते जा सकते हैं, लेकिन आपको हमेशा यीशु की दया और क्षमा की आवश्यकता होगी।


हमारी अपरिपूर्णता (खामियों) के लिए परमेश्वर का उत्तर क्षमा है।

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