अच्छी जड़े = अच्छा फल!

अच्छी जड़े = अच्छा फल!

…अंतः जैसे तुम ने मसीह यीशु को प्रभु करके ग्रहण कर लिया है, वैसे ही उसी में चलते रहो, और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अधिकाधिक धन्यवाद करते रहो। -कुलुस्सियों 2:6-7

यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि हमारा व्यवहार कहां से आता है। बुरा व्यवहार एक बुरे पेड़ से बुरे फल के समान है जिसकी जड़े बुरी है।

आप अपना पूरा जीवन बाहरी लक्ष्णों के साथ हल करते खर्च कर सकते है, पर बुरा फल कहीं और से प्रकट होगा अगर हम ने जड़ को नहीं हटाया है। सिद्धान्त कभी भी असफल नहीं होताः सड़ा हुआ फल सड़ी हुई जड़ों से आता है और अच्छा फल अच्छी जड़ों से आता है।
सचमुच बुरे फल के साथ हल करने के लिए, आपको परमेश्वर में “गहरा जड़” पकड़ने की कुलुस्सियों में पौलुस की चेतावनी का अनुसरण करना चाहिए।

आपको सावधानी के साथ आपकी अपनी जड़ों को जाँचने की आवश्यकता हो सकती है। अगर वह अरूचिकर, नुकसानदायक या निन्दक है, तो निराश मत हो; आप उसी बुरी जमीन से जड़ उखाड़ कर मसीह यीशु की अच्छी भूमि में लगा सकते है, ताकि आप उसमें और उसके प्रेम में जड़ पकड़ सकें।

याद रखें, जड़ उखाड़ना दर्दनाक हो सकता है। पुन: आरोपण करना और जड़ पकड़ना और जमीन में लगाना एक प्रक्रिया है जो समय और प्रयास की माँग करती है, पर यह विश्वास और धैर्य के द्वारा है कि हम परमेश्वर के वायदों के वारिस होते है।

आपके लिए मेरी प्रार्थना यह है कि आप जहां कभी भी जाएं आप अच्छा फल उत्पन्न करते मसीह में रोपे जाएंगे और गहरी जड़ रखेंगे!


आरंभक प्रार्थना

प्रभु, बुरी भूमि से मेरी जड़ों को उखाड़ने और मसीह में गहरा उन्हें लगाने में मेरी सहायता करें ताकि मैं अच्छी जड़ों के साथ, अच्छा फल लाते, एक अच्छा पेड़ बन सकूँ। मैं जानती हूँ कि यह कष्टदायक हो सकता है, पर विश्वास और धैर्य के साथ मैं जानती हूँ कि आप मेरे जीवन में एक बदलाव लाने में मेरी सहायता कर सकते है।

Facebook icon Twitter icon Instagram icon Pinterest icon Google+ icon YouTube icon LinkedIn icon Contact icon