जब कि मूसा की व्यवस्था का न मानने वाला दो या तीन जनों को गवाही पर, बिना दया के मार डाला जाता है। तो सोच लो कि वह कितने और भी भारी दण्ड के योग्य ठहरेगा, जिसने परमेश्वर के पुत्र को पाँवों से रौंदा, और वाचा के लहू को जिसके द्वारा वह पवित्र ठहराया गया था, अपवित्र जाना है, और अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया? (इब्रानियो 10:28-29)
कुछ बाइबल अनुवाद आज के वचन में, “अनुग्रह का आत्मा” वाक्य का इस्तेमाल करते है, और हम जानते है कि वह स्वयं पवित्र आत्मा का हवाला ही दे रहे है। वही अनुग्रह का आत्मा है।
अनुग्रह पवित्र आत्मा की शक्ति है वो हमारे लिए जो हम नहीं कर सकते उसे ही आसानी के साथ हमारे करने के लिए उपलब्ध शक्ति है। पर सबसे पहले, यह वो शक्ति है जो परमेश्वर के साथ हमें सही होने के योग्य बनाती ताकि वह हम में निवास कर सके और हम उसका घर बन जाएं। पवित्र आत्मा के हमारे अन्दर निवास करने के साथ, हम जो हमारी अपनी शक्ति में प्रयास करने के द्वारा नहीं कर सकते वही अनुग्रह के आत्मा की शक्ति से करने के लिए हमारे हृदयों के अन्दर पहुँच सकते और उससे इसे प्राप्त कर सकते है।
उदाहरण के लिए, मैंने कई साल स्वयं को बदलने का प्रयास करते खर्च किए है क्योंकि मैंने मेरे चरित्र में बहुत सी कमियां देखी थी। ज्यादातर समय मैंने निराश महसूस किया था क्योंकि मेरी सारी कोशिश और कठिन परिश्रम किसी भी बदलाव को पैदा नहीं कर रहा था। अगर मुझे पता लगे कि मैं ऐसी कठोर बातें बोल रही हूं, जो मुझे नहीं कहनी चाहिए थी, तो मैं यह बंद करने का दृढ़ निश्चय करूँगी। पर चाहे मैंने कुछ भी क्यों नहीं किया, मैं बदल ना सकी, और कई बार मुझे प्रतीत हुआ मैं और भी ज्यादा बुरी हो गई थी।
अंततः, मैंने परमेश्वर को दोहाई दी, यह स्वीकार करते कि मैं अब बदलने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं कर सकती थी, उस समय, मैंने परमेश्वर को मेरे दिल के साथ बात करते सुना, “बहुत अच्छा है। अब मैं तुम्हारे जीवन में कुछ कर सकता हूं।”
जब परमेश्वर हमारे जीवनों में बदलाव लाता है, परमेश्वर को महिमा मिलती है, इसलिए, वह हमें स्वयं को बदलने की अनुमति नहीं देगा। जब हम बदलने का या अच्छे होने का प्रयास करते है, परमेश्वर पर निर्भर हुए बिना ही, हम उसे इस से “अनजान” ही छोड़ देते है। स्वयं बदलने का प्रयास करने की बजाय, हमें साधारणता उसको हमें बदलने के लिए कहने की आवश्यकता है और फिर उसके अनुग्रह के आत्मा को हमारे अन्दर कार्य करने की अनुमति देना है।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः आपकी सहायता के लिए परमेश्वर को कहे बिना कुछ भी करने का प्रयास ना करें।