अन्य भाषाओं का अर्थ बताना

किसी को भाषाओं का अर्थ बताना। (1 कुरिन्थियों 12:10)

जब कोई व्यक्ति सार्वजनिक आराधना में अन्य भाषा बोलता है, तो 1 कुरिन्थियों 14:27 के अनुसार उस संदेश का अनुवाद किया जाना चाहिए। मुझे कई बार अन्य भाषाओं की समझ या अनुवाद दिया जाता रहा है। वह मेरे पास एक धारणा के रूप में या मेरी आत्मा में यह जानते हुए आते है कि परमेश्वर उन सुनने वालों के साथ क्या संचार करने का प्रयास कर रहा है।

मसीहियत के बहुत से ढंगों में, यह बातें केवल एक भेद है साधारणता इसलिए क्योंकि उनके पास उनके संबंध में कोई शिक्षा नहीं थी। मैं विश्वास करती हूँ कि हम मुश्किल समयों में रहते है और हमें वह सब अलौकिक सहायता की आवश्यकता है जो हम परमेश्वर से प्राप्त करते है। यह महत्वपूर्ण है कि हम छले ना जाएं, पर यह भी महत्वपूर्ण है कि छले जाने के लिए हम इतना भी ना डरें कि हम परमेश्वर के वरदानों के लिए अपने मनों को बंद ही कर लें।

पौलुस विश्वासियों को अन्य भाषाओं में प्रार्थना करने के लिए उत्साहित करता है और प्रार्थना करता है कि वह अनुवाद करें, और मैं विश्वास करती हूँ कि हमें भी वैसा ही करना चाहिए। वरदानों का होना मुझे यह अच्छी तरह समझने के योग्य बनाता है कि जब हम अपनी निजी प्रार्थना में अन्य भाषा को इस्तेमाल करते है तो हम प्रार्थना करते है। अनुवाद, व्याख्या से भिन्न है। हम शब्द-दर-शब्द समझ को प्राप्त नहीं करते, पर एक सामन्य समझ को कि परमेश्वर अपने लोगों को क्या कह रहा है।

परमेश्वर एक आत्मा है और हम आत्मिक प्राणी है जिन्हें अपनी आत्माओं में यह समझना सीखना चाहिए कि परमेश्वर हम से क्या कह रहा है। मैं आपको स्वयं इन बातों का अध्ययन करने के लिए उत्साहित करती हूँ। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप एक खुला मन रखें और जब आप प्रार्थना करते और परमेश्वर को खोजते है तो आप पवित्र आत्मा की अगुवाई का अनुसरण करें।


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः साहसी बनें और परमेश्वर से कहें कि वह आपको उसके भेदों और रहस्यों को समझने में आपकी अगुवाई करे।

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