अपनी संपत्ति के द्वारा, और अपनी भूमि की सारी पहली उपज दे देकर यहोवा की प्रतिष्ठा करना; इस प्रकार तेरे खत्ते भरे पूरे रहेंगे, और तेरे रसकुण्डों से नया दाखमधु उमण्डता रहेगा। -नीतिवचन 3:9-10
बहुत से लोग परमेश्वर से प्राप्त करना चाहते है, पर वह अपना सब उस को देने के इच्छुक नहीं होते। सच्चाई यह है, हम सब के लिए हमारे जीवनों और हृदय की स्थिति का निरंतर मूल्यांकन करना हमें परमेश्वर पर केन्द्रित रहने, देने का इच्छुक होने और सब जो वह हमारे हृदयों में डाल रहा है उस को करने में सहायता करता है। और यहाँ पर समय होगा जब हमें स्वयं को हमारे समय को और धन को प्रभु के कार्य में देने और निवेश करने के लिए एक नया समर्पण करना होगा।
भयभीत विचारों के द्वारा शैतान को आप से बात करने की अनुमति ना दें। यीशु हमे किसी भी बात के लिए चिंता या व्याकुल ना होने की विनती करता है, क्योंकि परमेश्वर हमारी आवश्यकताओं को जानता और हमारी देखभाल करने का वायदा करता है (देखें मत्ती 6:25-34)।
नीतिवचन 3:9-10 कहती है, अपनी संपत्ति के द्वारा, और अपनी भूमि की सारी पहली उपजदे देकर यहोवा की प्रतिष्ठा करना; इस प्रकार तेरे खत्ते भरे पूरे रहेंगे, और तेरे रसकुण्डों से नया दाखमधु उमण्डता रहेगा। जब आप परमेश्वर को अपना सबकुछ देते है, वह आपकी देखभाल करने के लिए वफादार होगा।
स्वयं को परमेश्वर को दे दो। सब जो आप है; सब जो आप बनने की आशा रखते, आपके सभी स्वप्न, दर्शन, आशाएं और इच्छाओं को दे दो। सब कुछ उसको सौंपे, और वह आपके जीवन के द्वारा अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, आज मैं अपना सबकुछ आपको देती हूँ: मेरे हाथ, मेरा मन, मेरा मुँह, मेरा शरीर, मेरा धन, और मेरा समय। सब जो मेरे पास है वह आपका है। मैं आज आपकी इच्छा को पूरा करना चाहती हूँ।