और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़कर और नेव डालकर, – इफिसियों 3:17
हम सब एक ‘‘प्रेम हौद” से भरे हुए हैं और यदि हमारी टैंक खाली है तो हम कठिनाई में पड़ते हैं। हमें उस क्षण से प्रेम पाना प्रारंभ करने की ज़रूरत है जब हम जन्म लेते हैं और हम लगातार उसे प्राप्त करते रहते हैं-और उसे देते रहते हैं-जब तक हम मर नहीं जाते। कभी कभी शैतान चीज़ों की व्यवस्था करता है ताकि हम प्रेम पाने के बजाए दुर्व्यवहार प्राप्त करते हैं। यदि यह दुर्व्यवहार लगातार होता है तो हम प्रेम के भूखे और व्यथित होते हैं और इसलिए हम स्वस्थ संबंध बनाए रखने में अक्षम हो जाते हैं।
बहुत से लोग विभिन्न प्रकार के आदतन व्यवहार विकसित कर लेते हैं। यदि वे स्वयं से अच्छी भावनाएँ नहीं प्राप्त करते हैं वे बाहर ढूँढ़ते हैं। एक बात जो हमें समझनी है वह है कि लोगों में एक अच्छी भावना अवश्य होनी चाहिए। हम सब अपने विषय में अच्छी भावनाएँ सोचने के लिए सृजित किए गए हैं। हम पीड़ित होकर, घायल होकर और हर समय बुरा महसूस करते हुए इधर उधर नहीं घूम सकते हैं। हम इस प्रकार जीने के लिए नहीं बनाए गए हैं।
उन अच्छी भावनाओं को पाने के लिए बहुत से लोग यौन, नशा, आलकोहल, तंबाकू, भोजन, धन, ताकत, जूआ, कार्य, टेलीविज़न, खेल और बहुत से अन्य नशीली वस्तुओं की ओर मुड़ जाते हैं। वे केवल उन अच्छी भावनाओं को पाना चाहते हैं जिनसे वे अपने आप में और अपने संबंधों में चुकते हैं।
शुभ समाचार यह है कि हमारे साथ भूतकाल में चाहे जो कुछ भी हुआ हो, चाहे हम कुछ बातों से चूक गए हों वह हम प्रभु से पा सकते हैं। वह हमारा चरवाहा है, इसलिए हमें घटी नहीं होगी। (भजन संहिता 23:1 देखिए) उसने हम से प्रतिज्ञा की है कि वह हमसे कोई अच्छी वस्तु रख न छोड़ेगा। (भजन संहिता 84:11 देखिए)
जब हम बड़े हो रहे हैं तब यदि हमें पर्याप्त प्रेम प्राप्त नहीं मिलता हैं या यदि अब हम पर्याप्त प्रेम प्राप्त नही कर रहे हैं तो हमें अपना बाकी का जीवन ‘‘प्रेम की खाली टंकी” के साथ बीताने की ज़रूरत नहीं है। चाहे इस पृथ्वी पर कोई भी मनुष्य न हो जो आप से प्यार करता हो हम फिर भी परमेश्वर के द्वारा प्यार किए जाते हैं और हम उसके प्रेम में जड़ पकड़े और बढ़ते जाते हैं।