पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्वर्गीय वस्तुओं (उच्च वस्तुओं पर) पर ध्यान लगाओ। -कुलुस्सियों 3:2
बाइबल कहती है कि हमें अपने मन को ऊपर की बातों में लगाना चाहिए न कि पृथ्वी की बातों पर। सहमति की आदि होने के पश्चात् मैं जानती हूँ कि इसके विषय में नहीं सोचना कितना कठिन है जब हम महसूस करते हैं कि कोई हम से प्रसन्न नहीं है। उस व्यक्ति के क्रोध और इंकार का विचार हमारे प्रत्येक क्षण को भर देता है। गलत विचारों को न सोचने का प्रयास करने के बजाए सही का चुनाव करे। अपने मन को सकारात्मक विचारों से भरें, परमेश्वर के वचन पर और आपके लिए उसकी इच्छा पर मनन करें। तब गलत विचार प्रवेश का स्थान नहीं पा सकेंगे।
हम सब के पास किसी बात के लिए भायानक रूप से चिन्तित होने और अपने मन को किसी समस्या के चारो ओर अन्तहीन रूप से चक्कर लगाने का अनुभव है। यदि हम किसी और बात में शामिल होते हैं जिसमें हमें रूचि है तो हम कुछ क्षण के लिए चिंता करना छोड़ देते हैं। जब ये शांत होता है हम अकेले होते हैं या हमारे पास और कुछ करने को नहीं होता है तो हम पुनः चिंता करने लगते हैं।
मैंने पाया है कि गलत सोच के विरोध में खड़े होने का एक अच्छा तरीका किसी और के लिए कुछ करते हुए व्यस्त हो जाना है। मुझे “मैं” के विषय में सोचने के लिए समय नहीं है जब मैं किसी और की ज़रूरत को पूरा कर रही हो। एसी स्थिति में मैं अपने मन को ऊपर की बातों पर लगाती हूँ परन्तु पृथ्वी की बातों नहीं। मैं अपने मन को मेरे लिए परमेश्वर के प्रेम में चलने के निर्देश पर अपने मन को लगाता हूँ। (इफिसियों 5:2 देखिए)