और यहोवा तुझ को पूँछ नहीं, किन्तु सिर ही ठहराएगा, और तू नीचे नहीं, परन्तु ऊपर ही रहेगा; यदि परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएँ जो मैं आज तुझ को सुनाता हूँ, तू उनके मानने में मन लगाकर चैकसी करे। -व्यवस्थाविवरण 28:13
मैंने मेरे जीवन में कुछ बड़ी जय को पाया है। परमेश्वर ने मुझे बहुत से पुराने पापों, बंधनों और आदतों से आजाद किया है। आजादी का रोमांच जो मैंने अनुभव किया वह पूरी तरह अद्भुत था, और यह कुछ वो है जो परमेश्वर चाहता कि हम सब अनुभव करें।
मेरे पास अभी भी कुछ लड़ाईयां है जो मुझे जीतनी है और रूकावटों पर जय पानी है, और मुझे यकीन है कि आपको भी ऐसा करना है। मैं आपको उस एक बात को चुनने के लिए उत्साहित करती हूँ जिस पर आप आज काम आरम्भ करना चाहते है।
इसके बाद, अपने आप को उस जय में जीवन व्यतीत करते देखना आरम्भ करें जो आप आज मसीह में पा सकते है। जब आप आजाद होंगे तो आपका जीवन कैसा होगा उसके बारे सोचें।
मैं व्यवस्थाविवरण 28:13 को एक प्रेरणादायक करके इस्तेमाल करती हूँ। मैं आपको पूरे अध्याय को पढ़ने के लिए उत्साहित करती हूँ। यह बुनियादी तौर पर कहती है कि अगर आप परमेश्वर का आज्ञा पालन करेंगे, तो वह आपको आशीष देगा, और अगर हम परमेश्वर का आज्ञा उल्लंघन करते, तो आप श्रापित होंगे। अब यह एक शक्तिशाली प्रेरणादायक है, क्या आप इससे सहमत है?
मुझे बातों पर जय पाने और दुश्मन को मुझ पर नियंत्रण की अनुमति ना देने के लिए परमेश्वर के साथ कार्य करना पसन्द है। असल में, मैं सोचती हूँ कि जीवन में सबसे उत्साहित करने वाली यात्रा साधारण यह कहना है, “परमेश्वर, मैं बदलना चाहती हूँ। मैं आपको प्रसन्न करना चाहती हूँ।”
जब हम मन के ढाँचे में जाते है तो, आप एक बात से आजाद होकर दूसरी में जाते और फिर एक ओर में, और शीघ्र ही, आप यह पहचानेंगे कि आप मसीह में जो अधिकार आपके पास है उसमें चल रहे है।
वृद्धि करने और बदलने के रोमांच के बिना अपना जीवन व्यतीत ना करें नहीं तो आप उन अच्छी बातों को खो देंगे जो परमेश्वर आपके द्वारा कर सकता है।
जो व्यक्ति आप होना चाहते है उसकी तस्वीर बनाने में आज कुछ समय निकालें और परमेश्वर की आजादी खोजना आरम्भ करें। क्योंकि एक समय एक दिन, आप और परमेश्वर कुछ भी कर सकते है।
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, मैं विश्वास करती हूँ कि मैं आपकी आजादी का अनुभव कर सकती हूँ। आज, मैं स्वयं को वह आजाद व्यक्ति करके देखती हूँ जो मैं आप में हो सकती हूँ। जब मैं आपको प्रसन्न करने के लिए जीवन व्यतीत करना और अधिकार जो आपने दिया है उसमें चलती तो मुझे सशक्त करें।