
इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। – याकूब 1:3
सिद्ध विश्वास रातों रात ही नहीं आ जाता है। अगर हम परमेश्वर में एक गहरे, स्वस्थ, मजबूत विश्वास को चाहते है, तो हमें हमारे विश्वास को मजबूत बनाने के लिए निरंतर इसका अभ्यास करना चाहिए।
सेना में के सिपाहियों के बारे में सोचे। जब वह सेवा के लिए भर्ती होते तो वह एकदम से बेहद बड़ी लड़ाईयों के लिए तैयार नहीं होते है। उनको आधारभूत प्रशिक्षण से रोजाना निकलना पड़ता है। उनको प्रशिक्षण अभ्यास और कसरत लगातार करती पड़ती है। प्रशिक्षण के शिक्षकों को यह “तैयारी” के लिए नियुक्त किया गया होता है क्योंकि सिपाहियों को बल, आंतरिक बल, लचीलेपन और सहनशीलता की जरूरत होती है।
आओ हम हमारे विश्वास के संबंध में इसके बारे में सोचे। सबसे पहले, हम सूची में आते, या मसीह को हमारे जीवन देते है। फिर हम आधारभूत प्रशिक्षण को, या विश्वास निर्माण को आरम्भ करते है। इस स्थिति में, पवित्र आत्मा प्रशिक्षण के शिक्षक के रूप में कार्य करता है।
पवित्र आत्मा ठीक-ठीक जानता है कि विश्वास निर्माण के लिए हम में से प्रत्येक को क्या चाहिए ताकि हम समय असमय इसके लिए तैयार रह सके। हमें जब यह चुनौती भरा होता तब भी, उस पर यह भरोसा करते उसका आज्ञा पालन करना चाहिए कि वह जानता है कि कैसे हमारे विश्वास का निर्माण करना है।
जब आप पवित्र आत्मा को आपको प्रशिक्षण करने की अनुमति देते, परिणाम परमेश्वर में ठोस, मजबूत विश्वास – उस समय और प्रयास के योग्य मूल्य होता जो इसके लिए लगता है।
आरंभक प्रार्थना
पवित्र आत्मा, मैं स्वयं को आपके निर्देशों के लिए सौंपती हूँ। में आप में एक सिद्ध, ठोस विश्वास को चाहती हूँ। मुझे प्रशिक्षित करें ताकि मैं प्रत्येक स्थिति में और प्रबन्ध जो मुझे चाहिए में परमेश्वर पर भरोसा करते विश्वास में चल सकूँ, ना कि देखने के द्वारा।