आप अपने आप में भिन्न हैं!

आप अपने आप में भिन्न हैं!

सूर्य का तेज़ और है, चाँद का तेज़ और है, और तारागणों का तेज़ और (भिन्न) है  (क्योंकि एक तारे से दूसरे तारे के तेज़ में अंतर है)  -1 कुरिन्थियों15:41

परमेश्वर नें हमें एक दूसरे से भिन्न होने के लिए हमारी रचना की है; और उसने ऐसा किसी उद्देश्य के साथ किया है। हममें से प्रत्येक एक ज़रूरत को पूरा करता हैं, और हम सब परमेश्वर की कुल योजना के भाग हैं। जब हम दूसरों के समान बनने के लिए संघर्ष करते हैं, तब हम न केवल स्वयं को खो देते हैं परन्तु पवित्र आत्मा को दुःखी भी करते हैं। परमेश्वर चाहता है कि हम उसकी योजना में उपयुक्त हों न कि हर किसी की योजना में उपयुक्त होने के प्रयास में दबाव महसूस करें। भिन्न होना ठीक है; भिन्न होना बिल्कुल ही ठीक है।

हम सबने भिन्न स्वभाव, भिन्न शारीरिक आकार, भिन्न उंगलियों की छाप, भिन्न वरदान और योग्यताओं इत्यादि के साथ जन्म लिया है। हमारा लक्ष्य यह खोजना होना चाहिए कि हम किस बात में ठीक हैं और तब संपूर्ण हृदय के साथ स्वयं को उसमें डाल दें। कुछ लोग महसूस करते हैं कि वे किसी भी बात में अच्छे नहीं हैं परन्तु यह सच नहीं है। जब हम वह करने का प्रयास करते हैं जिसे करने में अन्य लोग अच्छे हैं तो हम अकसर पराजित हो जाते हैं क्योंकि हमें उन बातों का वरदान प्राप्त नहीं है। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि हम किसी भी बात में अच्छे नहीं हैं। हम सबकी अपनी सीमाएँ हैं और हमें अवश्य उन्हे स्वीकार करना चाहिए। यह बुरा नहीं है; यह एक तथ्य है। भिन्न होने के लिए स्वतंत्र होना और यह महसूस नहीं करना हममें कुछ गलत है क्योंकि हम भिन्न है, अद्भुत है।

हमें स्वयं को प्रेम और स्वीकार करने के लिए, और दूसरों से खुद की तुलना करने के दबाव से आज़ाद करना चाहिए। सुरक्षित लोग जो जानते हैं कि परमेश्वर उनसे प्रेम करता और उनके लिए एक योजना रखता है वे दूसरों की योग्यता से खतरा महसूस करते हैं। वे इस बात में आनंद पातें हैं कि अन्य लोग क्या कर सकते हैं और वे स्वयं क्या कर सकते हैं। जब मैं परमेश्वर के सम्मुख खड़ी होती हूँ, वह मुझसे यह नहीं पूछेगा कि मैं डेव के समान या पे्ररित पौलुस के समान, या मेरे पास्टर की पत्नी के समान या मेरी सहेली के समान क्यों नहीं हूँ। मैं उसे मुझसे यह पूछते हुए सुनना नहीं चाहती हूँ, ‘‘तुम जॉयस मेयर क्यों नहीं बनी?” मैं उससे सुनना चाहती हूँ, ‘‘धन्य, हे अच्छी और विश्वास और विश्वस्त दासी।” (मत्ती 25:23)

Facebook icon Twitter icon Instagram icon Pinterest icon Google+ icon YouTube icon LinkedIn icon Contact icon