
तुझे आशीष दूँगा (कृपा की बहुतायत की बढ़ती के साथ), …तू आशीष (दूसरों तक आशीष पहुँचाना) का मूल होगा।” -उत्पत्ति 12:2
प्रत्येक बार जब आप किसी के विषय में कुछ अच्छा सोचते हैं तो उसे मुँह से कहिए। लोग आपके मन को नहीं पढ़ सकते हैं, आपके विचारों में सामथ्र्य है और वह दूसरों के आत्मविश्वास के स्तर को छोटी रीति से प्रभावित कर सकता है। परन्तु आपके शब्द वास्तव में उन्हें उठा सकते और उत्साहित कर सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को या सभी लोगों को सकारात्मक की ज़रूरत होती है। विशेष करके उन्हें जो भावनात्मक रूप से घायल या किसी के द्वारा चोटग्रस्त हों। हमारी समझ से बढ़कर हममें सामथ्र्य है, हम लोगों की सहायता कर सकते हैं। सही समय पर बोला गया सही शब्द चंगा करने की सामथ्र्य रखता है। ‘‘सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है!” (नीतिवचन 15:23)
न केवल सही समय पे बोला गया सही शब्द दूसरों की भलाई करता है वह हमारे लिए भी भला है। हम दूसरों का निर्माण करने में आनंद का अनुभव करते हैं। हम परमेश्वर के द्वारा आशीष होने के लिए बनाए गए हैं। उसने अब्राहम से कहा, ‘‘मैं तुम्हें आशीष दूँगा, और तुम्हें आशीष का मूल बनाऊँगा।” हम आशीष बनने के लिए आशीषित किए जाते हैं। परमेश्वर ने एक आशीष बनने के लिए आपको बनाया है। तो बनना प्रारंभ करें जो बनने के लिए आपको बनाया गया है तो वह प्राप्त करना प्रारंभ करें जो आपको प्राप्त करना है।