
सकेत फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि चौड़ा है वह फाटक और सरल है वह मार्ग जो विनाश को पहुँचाता है; और बहुत से हैं जो उस से प्रवेश करते हैं। क्योंकि सकेत (दबाव से सकरा) है वह फाटक और कठिन है वह मार्ग जो जीवन को पहुँचाता है; और थोड़े हैं जो उसे पाते हैं। -मत्ती 7:13-14
यहाँ इस भाग में यीशु दो भिन्न मार्ग के विषय में बताता हैः चौड़ा मार्ग जो विनाश को दर्शाता है और सकरा मार्ग जो जीवन को पहुँचाता है। जब मैं इस भाग को मनन कर रही थी प्रभु ने मुझ से बातें की और कहा, “जॉयस, चौड़ा मार्ग पर हर प्रकार की शारीरिक बातों जैसे कड़वाहट, क्षमा न करना, बदला लेना, जलन रखने के लिए स्थान है परन्तु सकरे मार्ग पर केवल आत्मा के लिए ही स्थान है।”
शरीर में यह आसान है कि चौड़ा मार्ग लें, परन्तु अन्त में परिणाम विनाश होता है। भावनाएँ हमें आसान रास्ता लेने के लिए और उस समय के लिए भला लगता है उसे लेने के लिए प्रेरित करती हैं। प्रश्न यह हैः किसका चुनाव करेंगे?
आपके जीवन में चाहे आपके साथ कुछ भी हुआ हो। चाहे आप अपने जीवन साथी द्वारा विनाश की ओर ढ़केल दिए गए हो या आपके माता-पिताओं के द्वारा दुर्व्यवहार किए गए या आपके बच्चों या बूढ़ों के द्वारा चोट पहुँचाए गए हों। यदि आप सकरे मार्ग पर बने रहते और सभी अतिरिक्त बोझों को पीछे छोड़ देते हैं, तो जल्द ही आपको शांति, आनंद और पूर्णता का एहसास होगा जिसकी आप खोज करते हैं।
यीशु ही मार्ग है, और उसने हमें वह मार्ग दिखाया है जिसमें हमें चलना है। प्रभु ने हमें पवित्र आत्मा हमारी अगुवाई करने और उस मार्ग पर नेतृत्व करने के लिए भेजा है जिसमें हमें चलना है, वह सकरा मार्ग जो जीवन को पहुँचाता है और वह चौड़ा मार्ग नहीं जो विनाश को पहुँचाता है। हमें प्रभु के मार्ग पर चलते रहना चाहिए; “हम भले काम करने में साहस न छोड़ें, क्योंकि हम ढीले न हों तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे।” (गलतियों 6:9)