
जब किसी का चालचलन यहोवा को भावता है, तब वह उसके शत्रुओं का भी उस से मेल कराता है। -नीतिवचन 16:7
परमेश्वर लोगों के साथ हमें अनुग्रह देगा यदि हम उससे ऐसा करने के लिए कहते हैं और उस पर अपना भरोसा रखते हैं। यहाँ तक कि वह हमारे शत्रुओं को भी हमारे साथ शांति का संबंध देगा। मेरे जीवन के पूर्व के वर्षों में मैंने परमेश्वर को अपने में काम करने देने से पहले मैंने बहुत विरोध किया था। लोग जैसा चाहते थे कि मैं बनूँ, वैसा ही मैं बनने का प्रयास करती थी। मैंने बहुत से नक़ाब पहने और प्रत्येक के द्वारा स्वीकृत होने का प्रयास किया। इस प्रकार का व्यवहार एक वास्तविक समस्या बन सकती है, यदि इसे संबोधित और परिवर्तित न किया जाए। परमेश्वर हमें स्वंय के अलावा कोई और बनने के लिए कभी सहायता नहीं करेगा। समय समय पर मैंने एक वेन्डिंग मशीन के समान महसूस किया है। पास आनेवाला हर एक व्यक्ति एक भिन्न बटन् को दबाता है और एक भिन्न बात की उम्मीद करता है। मेरे पति एक अच्छी प्रशंसनीय और एक आधीन पत्नी चाहते थे। मेरे बच्चे एक ध्यान देनेवाली माँ चाहते थे। मेरे माता-पिता और आन्टी जो सभी बुजुर्ग हो चुके थे और मुझ पर आश्रित थे, मेरा ध्यान चाहते थे। मेरे जीवन पर बुलाहट ने बहुत कुछ माँग की थी। लोग जिनकी मैं सेवा करती थी चाहते थे कि मैं उनके लिए उपलब्ध रहूँ जब कभी उन्हें मेरी ज़रूरत महसूस होती। मैंने प्रत्येक बात के लिए हाँ कहा जब तक मैं अन्ततः तनाव से बीमार न पड़ गई और यह न समझ ली कि यदि मैं न कहना नहीं सीखती हूँ तो मैं स्वास्थ्य संबंधी गम्भीर बातों में पड़ जाऊँगी।
मैं चाहती थी कि हर कोई मुझे स्वीकार करे और प्रेम करे। मैं बहुत अधिक उनकी स्वीकृति चाहती थी परन्तु मैं इसे गलत रीति से करना चाहती थी। प्रभु ने मुझ से कहा कि वह लोगों की दृष्टि में मेरे लिए अनुग्रह देगा यदि मैं उनके लिए प्रार्थना करूँ और मैं उस पर भरोसा करूँ। परमेश्वर लोगों को मुझे स्वीकार करने और पसंद करने देगा जो हमें साधारणतः तुच्छ समझते हैं। बाइबल कहती है कि वह लोगों के हृदय को बदलता है, उस रीति से बदलता है जैसे वह पानी को बदलता है (नीतिवचन 21:1 देखिए)। यदि परमेश्वर एक नदी को एक विशेष दिशा में बहने देता है तो निश्चय ही वह किसी के हृदय को हमारे ओर परिवर्तित कर सकता है। जो केवल परमेश्वर ही कर सकता है उसे करने का प्रयास करने के द्वारा हम अपने आपको थका डालते हैं।