
अत: अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं। [क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन् आत्मा के अनुसार चलते हैं।] —रोमियों 8:1
कई विश्वासियों के लिए एक बड़ी समस्या यह है कि पिछले पापों के प्रति जिनके लिए उन्हें क्षमा किया गया है, वे बारम्बार दोषी और दण्डित महसूस करते रहते हैं। हमें अपने बारे में बुरा महसूस कराने से शैतान को बड़ी खुशी मिलती है, और हमें दोषी महसूस कराना ऐसा करने का उसका एक तरीका है। भले ही यह एक झूठा अपराध है, अगर हम इसे स्वीकार करते हैं, तो हम इसके द्वारा विपरीत रीती से प्रभावित होते हैं।
बाइबल सिखाती है कि यीशु के लहू के द्वारा हमें पूर्ण क्षमा और दण्ड से पूर्ण आजादी प्राप्त हुई है। हमें अपने अपराध को क्रूस पर के उसके बलिदान में जोड़ने की आवश्यकता नहीं है। वह पर्याप्त से अधिक है।
यदि शैतान उस पाप को फिर से आपके मन में दोष और दंड के रूप में लाने की कोशिश करता है, तो उसके सामने यह घोषित करें कि: “मुझे उस पाप के लिए क्षमा किया गया है! उसका भुगतान हो चूका है; इसलिए, मैं इसकी चिंता नहीं करती हूं।” आप पाएंगे कि यह ज़ोर से बोलना अक्सर आपके लिए मददगार ठहरेगा क्योंकि ऐसा करने से आप घोषणा कर रहे हैं कि आप परमेश्वर के वचन पर दृढ़ खड़े हैं। शत्रु को बताएं कि मसीह ने आपको मुक्त कर दिया है।
शैतान के इलज़ामों और झूठों को यूं ही बैठकर न सुनें। उस सत्य के द्वारा उसको जवाब देना सिख लें।