उत्तम बनें

“सब वस्तुएँ मेरे लिए उचित तो है, परन्तु सब वस्तुएँ लाभ की नहीं; सब वस्तुएँ मेरे लिए उचित है, परन्तु मैं किसी बात के अधीन ना हूंगा।” (1 कुरिन्थियों 6:12)।

परमेश्वर के पास हमें आवश्यक रूप से और बेहिसाब आशीष देने की एक अद्भुत योजना है, पर पूरी तरह से उसकी योजना का आनन्द लेने के लिए, हमें उसकी आशीषों के मार्ग पर बने रहने के लिए परमेश्वर की सहायता की आवश्यकता है। उससे कहें कि अगर आपके जीवन में कुछ ऐसे क्षेत्र है जो उसे अप्रसन्न करते है तो दृढ़ता के साथ उनका हल करे, और जब वह ऐसा करता है, तो तुरन्त और पूर्ण आज्ञाकारीता के साथ जवाब दें।

परमेश्वर सिद्ध शांति में हमारी अगुवाई करने के लिए अपने पवित्र आत्मा को हम में रखता है। अगर हम उसकी सुन रहे है, तो हम बुद्धिमान निर्णय करेंगे और उसकी शांति का आनन्द लेंगे। आज की आयत में, हम देखते है कि बहुत सी बातें उचित है, पर हमारे लिए अच्छी नहीं है, और किसी भी बात को हमारे जीवन में नियंत्रण करने वाला खण्ड होने की अनुमति देना हमारे लिए मूर्खता है।

यहां पर बहुत सी बातें है जो हम कर सकते है, पर यह उत्तम चुनाव नहीं होगा ना ही वो उत्तम परिणाम को पैदा करेंगी। पौलुस कहता है कि हमें उत्तम बातों और ईनाम को चुनना चाहिए (देखें फिलिप्पियों 1:10)। हर कदम जो हम उठाते उसके बारे में परमेश्वर हमें एक ईश्वरीय वचन नहीं देने जा रहा है, पर वह हमें अपनी बुद्धि और वचन को देता है और वह इसके द्वारा जीवन व्यतीत करने की हम से उम्मीद करता है। औसत दर्जे के मत बनें और ऐसा ही चलते जाने की आशा मत रखें। पर इसकी बजाय उत्तम होना चुनें और जानें कि आप परमेश्वर को प्रसन्न कर रहे है।


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः उत्तम चुनाव उत्तम ईनामों को पैदा करते है।

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