यदि तुम मुझ से [सचमुच] प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे (आज्ञा पालन करोगे)। (यूहन्ना 14:15)
आज के लिए वचन में, यीशु कहते है कि हमें जो वो कहते उसका आज्ञा पालन करने के द्वारा हम उसके लिए हमारे प्रेम का प्रदर्शन करेंगे। जब कभी भी मैं परमेश्वर से सुनने के बारे में सोचती हूं, तब मैं इस तथ्य की तरफ वापस आती रहती हूं कि अगर हम जो पहले से जानते है उसका आज्ञा पालन नहीं कर रहे तो हम उससे साफ-साफ नहीं सुन सकते। आज्ञाकारीता के बिना हमारे पास एक दोषी विवेक होता है। जब तक हमारे पास दोषी विवेक होता है, हम विश्वास और आत्मविश्वास को नहीं पा सकते (देखें 1 यूहन्ना 3:20-24)।
एक मसीही का लक्ष्य एक गैर विश्वासी के लक्ष्यों से काफी भिन्न होना चाहिए। वो जो धन, पदवी, शक्ति और वस्तुओं के साथ परमेश्वर की सेवा नहीं कर रहे है, पर मसीही होते हुए हमारा प्राथमिक लक्ष्य परमेश्वर का आज्ञा पालन और महिमा करना होना चाहिए। मैं परमेश्वर के आज्ञा पालन के बारे में ज्यादा विचार किए बिना कई सालों तक चर्च गई थी। मैं एक धार्मिक विधि की यह आशा करते पालना कर रही थी कि वो मुझे परमेश्वर के आगे स्वीकार योग्य बनाएगा, पर मैंने उसके सिद्धान्तों के द्वारा प्रतिदिन अगुवाई किए जाने का एक समर्पण नहीं किया था। अपना पूर्ण जीवन परमेश्वर के लिए खोलें और पवित्र आत्मा को आपके जीवन में अपना शिक्षक करके निमंत्रण दें। उसके मार्गदर्शन का पालन करने के लिए अपना उत्तम करें, और जब आप असफल होते है, क्षमा माँगे और पुनः आरम्भ करें। दोषी महसूस करते अपना समय और ऊर्जा मत बर्बाद करें, क्योंकि मसीह में हमारे पास सदा एक नया आरम्भ होता है। आज्ञाकारीता के लिए प्रार्थना करें, इसका अध्ययन करें, और प्रतिदिन क्रियाशीलता के साथ इसे खोजें। इस ढंग में, हम परमेश्वर के लिए हमारे प्रेम का प्रदर्शन कर सकते है।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः चाहे हम कितना भी कठिन प्रयास क्यों ना करें, हम सब गलतियां करते है, पर जब तक हम हिम्मत हारने से इन्कार करते है हम हमारे लक्ष्यों तक पहुँचेगे।