मन का आनंद अच्छी औषधि है, परन्तु मन के टूटने से हड्डियाँ सूख जाती हैं। – नीतिवचन 17:22
मैंने पाया है कि अच्छे, ऊपर उठाने वाले ईश्वरीय संगीत को सुनना अपने हृदय को प्रसन्न रखने का एक श्रेष्ठ मार्ग है। जब हम इसे सुनते हैं तो हम स्वयं को आदतन गुनगुनाते या इसके साथ गाते हुए पाते हैं चाहे हम इसके प्रति अनजान भी हों। जब हमारा हृदय प्रसन्न होता है तब कार्य पर जाने पर भी हमारा हृदय आनंदमय होता है। हमारे पास अधिक ऊर्जा और जीवन शक्ति हो सकती है क्योंकि बाइबल हमसे कहती है प्रभु का आनंद मेरी ताकत है। हमारे पास एक विकल्प है। हम अपने कष्टों पर रास्ते भर बड़बड़ा सकते हैं या अपने कष्टों पर रास्ते भर गा सकते हैं। किसी भी तरह हो हमें कष्टों से होकर गुज़रना है इसिलिए हमारे लिए प्रसन्नतापूर्वक गुज़रना ही अच्छा होगा।