यीशु ने उनकी ओर देखकर कहा, “मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है।” मत्ती 19:26
यह महत्वपूर्ण है की आप आपके जीवन के प्रति आपको सपने और दर्शन दिखाने के लिए परमेश्वर से प्रार्थँना करें। हम किसी चीज तक पहुंचने से पहले ही क्षय हो जाते हैं। परमेश्वर ने हमें लक्ष्य निर्धारित करने के लिए बनाया है। इफिसियों 3:20 हमें बताता है कि परमेश्वर “ऐसा सामर्थी है कि हमारी विनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है।” इसलिए, मसीही विश्वासी होने के नाते, हम बड़े विचार सोच सकते हैं, बड़े लक्ष्य रख सकते हैं, और बड़ी चीज़ों की आशा कर सकते हैं।
कई बार हम किसी नियत कार्य को देखते हैं और सोचते हैं कि जो करने की आवश्यकता है उसे करने का हमारे पास कोई तरीका नहीं है। ऐसा तब होता है जब हम उस परमेश्वर को जो सब कुछ कर सकता है देखने के बजाय, खुद को देख रहे होते हैं।
जब यहोवा ने यहोशू को मूसा का स्थान लेने और इस्राएलियों को प्रतिज्ञा किए हुए देश में ले जाने के लिथे बुलाया, तब उस ने उस से कहा, “जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूँगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूँगा, और न तुझ को छोड़ूँगा।” (यहोशू 1:5)।
यदि परमेश्वर हमारे साथ रहने का वादा करता है—और उसने ऐसा वादा किया है—तो वास्तव में हमें बस यही चाहिए। उसका सामर्थ्य हमारी निर्बलता में सिद्ध होता है। (2 कुरिन्थियों 12:9)। आपके अंदर जो भी निर्बलताएं हैं, परमेश्वर का सामर्थ्य आपके जीवन में आपकी सोच से भी परे चीजों को पूरा करने के लिए उपलब्ध है।
परमेश्वर का सम्मान तब होता है जब आप उन बड़े कामों को करने के लिए उस पर भरोसा करते हैं जो वास्तव में असंभव लगते हैं।