
जिसको जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्डारियों के समान एक दूसरे की सेवा में लगाए। 1 पतरस 4:10
हम परमेश्वर के जितने करीब आते हैं, वह हमें दूसरों की सेवा करने के उतने ही अधिक अवसर देता है। मैं कहती हूं “अवसर” क्योंकि यही वह तरीका है जिससे हमें दूसरों की सेवा करने की आवश्यकता है। हर बार जब हम दूसरों की सेवा करते हैं, तब यह न केवल उन्हें आशीषित करता है, बल्कि यह हमारे जीवन में अपार आनंद भी लाता है। यीशु ने हमें चेलों के पाँव धोकर एक सेवक होने का उदाहरण दिया और फिर कहा, “जैसा मैं ने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो।” (यूहन्ना 13:15)।
कुछ लोग सेवक के रूप में जीने में असफल हो जाते हैं क्योंकि वे नहीं जानते कि वे मसीह में कौन हैं। उन्हें लगता है कि वे कुछ ऐसा कर रहे होंगे जिसे वे आत्म-मूल्य की भावना खोजने के लिए “महत्वपूर्ण” मानते हैं। वे यह समझने में विफल रहते हैं कि उनकी पहचान इस बात से आती है कि वे मसीह में कौन हैं, न कि उनका करियर या मंच कितना प्रतिष्ठित है। जब आप मसीह में अपने स्थान पर सुरक्षित होते हैं, और जब आप परमेश्वर में अपनी शक्ति और आत्मविश्वास पाते हैं, तब आपको मिलनेवाले हर मौके पर दूसरों की मदद करने में बहुत आनंद मिलता है।
“एक सेवक परीक्षा” बस यह है कि हम उन अवसरों के प्रति कैसी प्रतिक्रिया देते हैं जो परमेश्वर हमें दूसरों के प्रति एक आशीष बनने के लिए देता है। यह प्रकट करता है कि क्या हम वास्तव में और सचमुच यीशु की तरह बनना चाहते हैं। परमेश्वर ने हमें आशीषित किया है और हमें एक आशीष बनाया है! परमेश्वर की आशीष कभी भी केवल हमें उपभोग करने के लिए नहीं होती है, बल्कि हमेशा हमारे आस-पास के लोगों के साथ साझा करने के लिए होती है।
आज दूसरों की सेवा करने के तरीक़ों को ढूंढिए, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जो आपके आपके घर में हैं। यह आपके और उनके लिए एक बहुत अच्छा अनुभव होगा।