हमें भिन्न-भिन्न (सुविधाएं, योग्यताएं, खुबियां) वरदान मिलें है, तो जिसको भविष्यवाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिणाम के अनुसार भविष्यवाणी करे। (रोमियों 12:6)
हम सभी वरदान जो परमेश्वर ने हमें दिए है उसमें कार्य करने के लिए भिन्न-भिन्न रीति से अनुग्रह और कृपा दिए गए है। आज का वचन कहता है कि हमें हमारे वरदानों को हमारे ऊपर अनुग्रह के अनुसार ही इस्तेमाल करना है।
दो लोग सीखाने के लिए वरदान पाए हो सकते है, फिर भी एक, दूसरे से बढ़िया शिक्षक हो सकता है क्योंकि वह उस विशेष बुलाहट के लिए परमेश्वर से ज्यादा अनुग्रह को पाया हुआ है। एक व्यक्ति एक बड़ी, सफल कंपनी की अगुवाई के लिए पवित्र आत्मा द्वारा अभिषिक्त किया हो सकता है, जबकि दूसरा एक संपन्न छोटे व्यापार की अगुवाई करने के लिए आशीषित और अनुग्रह पाया हो सकता है। क्यों? क्योंकि पवित्र आत्मा जिसे चाहता वरदान बाँट देता है (देखें 1 कुरिन्थियों 12:11)। जो वह करता उसके लिए उसके पास कारण है, और हमें उसके लिए उस पर भरोसा करने की आवश्यकता है। जो वह हमें देता हमें उसके लिए उसका धन्यवादी होना चाहिए और किसी अन्य के वरदान को देखकर हमारे घमण्ड को ईर्ष्यालु होने का कारण देने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। हम लोगों के वरदानों से जलन रखकर उनके साथ ही प्रेम में नहीं चल सकते।
मेरे पति ईर्ष्यालु हो सकते है क्योंकि परमेश्वर ने मुझे प्रचार का एक वरदान दिया हुआ है और उन्हें नहीं दिया है। डेव ने लम्बा समय पहले ही पहचान लिया था कि वह खुश नहीं रहेगा अगर वह उस अनुग्रह से बाहर कार्य करने का प्रयास करता है जो उसे दिया गया है। अगर वह जो मैं हूं वो बनने का प्रयास करता है, तो वह अपना आनन्द खो देगा। डेव प्रबन्धक होने और अर्थ प्रबन्ध रखने में अभिषिक्त है, और हमारी सेवकाई में उसका भाग मेरे भाग के सामन ही महत्वपूर्ण है।
अगर आप सचमुच खुश होना चाहते है, तो स्वयं को वह करने में ले जाएं जिसके लिए आप बुलाए गए और अनुग्रह दिए गए है। अन्यों से ईर्ष्या मत करें, पर उनके प्रति प्रेम में और अपने जीवन में जो बुलाहट और अनुग्रह दिया गया है उसमें वफादारी के साथ चलें।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः आप अद्भुत वरदानों और योग्यताओं के साथ एक अद्भुत व्यक्ति है, और आपको किसी अन्य के साथ स्वयं की तुलना करने की आवश्यकता नहीं है।