…और लोग यह न कहेंगे, कि देखो, यहां है, या वहां है, क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है। – लूका 17:21
कई बार हम बातों के बदलने की कामना करते है पर इन बातों को उत्तम बनाने के लिए जो करने की आवश्यकता होती उसे करने के इच्छुक नहीं होते।
मेरे जीवन में एक बार एक समय था जब मैं मेरी परिस्थितियों के बारे में परेशान थी। मैं चाहती थी कि परमेश्वर उन्हें मेरे लिए बदल डाले, और मेरे इर्द-गिर्द के लोगों को भी बदले। लेकिन फिर उसने मुझे दिखाया कि इससे पहले कि मैं अपने बाहरी जीवन में वास्तविक बदलाव की उम्मीद रखूं मुझे मेरे आंतरिक जीवन को बदलने पर काम करने की आवश्यकता है।
मत्ती 6:33 कहती है “इसलिए पहले तुम परमेश्वर के राज्य और उसके धर्म की खोज करो तो यह सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएँगी।” इस तरह परमेश्वर का राज्य क्या है? बाइबल कहती है कि परमेश्वर का राज्य हम में है। अगर आप ने मसीह को स्वीकार किया है, इसका अर्थ है कि वह आपके अन्दर रह रहा है – और वह एक अच्छे आत्मिक घर में रहना चाहता है। इसलिए आपका अंदरूनी जीवन परमेश्वर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
हमें पहले उसके राज्य को खोजना चाहिए, उसके पवित्र आत्मा को हमारे अन्दर जगह लेने की अनुमति देनी चाहिए। जब हम उसे हमारे अन्दर कार्य करने की अनुमति देते है, तो आखिरकार हम इसे अन्दर रखने के योग्य नहीं होंगे, और यह बाहर छलकेगा और हमारे इर्द-गिर्द संसार को बदलेगा!
आरंभक प्रार्थना
पवित्र आत्मा, जब आप मुझे मेरे हृदय में आपके राज्य को विकसित करने पर केन्द्रित होने के लिए कह रहे है तो बाहरी बातों को बदलने का प्रयास करने में ना फँसने में मेरी सहायता करें। मैं आपको मेरे अंदरूनी जीवन में कार्य करने का निमंत्रण देती हूँ।