परन्तु जिसके बन्धन में हम थे उसके लिये मर कर, अब व्यवस्था से ऐसे छूट गए, कि लेख की पुरानी रीति पर नहीं, वरन आत्मा की नई रीति पर सेवा करते है। – रोमियों 7:6
मैं विश्वास करती हूँ कि उन बड़े कारणों में से एक कि क्यों लोग तनावग्रस्त और थके हुए है वो यह है कि वह परमेश्वर के पीछे चलने की बजाए उनके अपने मार्ग पर चल रहे है।
हमें पवित्र आत्मा की अगुवाई का अनुसरण करने की आवश्यकता है ताकि हम जान पाएं हमें किस में शामिल होना है और कहां पर हमारी ऊर्जा को खर्च करना चाहिए। हमें जब वो हां कहता तब हां कहने और जब वह ना कहता तब ना कहना सीखना चाहिए। जब हम परमेश्वर की अगुवाई के लिए आज्ञाकारी होते है, तो हम जो वो हमें करने के लिए देता वो करने के और शांति में चलने के योग्य होंगे।
रोमियों 7:6 कहती है हमें “आत्मा के प्रोत्साहन” द्वारा अगुवाई किए जाना है। मैं उन अनगिनत समयों को याद कर सकती हूँ जब मैं थक चुकी थी और पवित्र आत्मा ने मुझे आराम करने के लिए उकसाया, पर मैं फिर भी बाहर या साथ पाने के लिए जाती रही थी। फिर सिर्फ थकने की बजाए हम शक्तिहीन हो जाते है। जैसा कि आप जानते है, शक्तिहीन लोग अक्सर चिड़चिड़े और बेचैन हो जाते है।
जब हम पवित्र आत्मा के प्रोत्साहन का आज्ञा पालन करते है, यीशु ऊँचा किया जाता हैः क्या आप थक चुके है…या यीशु ऊँचा किया गया है? आत्मा का अनुसरण करें और अपने जीवन में उसे ऊँचा करें।
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, मैं आपके प्रोत्साहन के आज्ञा पालन के लिए बहुत ज्यादा शक्तिहीन नहीं होना चाहती हूँ। मैं आपकी योजनाओं का अनुसरण करने और मेरे जीवन में आपको ऊँचा उठाने को चुनती हूँ।