चुप हो जाओ, और जान लो (पहचानो और समझो) कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं। मैं पृथ्वी भर में महान हूं! —भजन संहिता 46:10
आज बहुत से लोग एक चीज से दूसरी चीज की ओर भागते रहते हैं। वे काम करते रहने के आदी हो गए हैं, और मैं उन लोगों में से एक हुआ करती थी!
एक लंबे समय तक, मुझे ऐसा लगता था कि मुझे हर समय कुछ न कुछ करते रहना है। जो कुछ भी घटित हो रहा था मैं उन चीजों में शामिल होना चाहती थी और उन चीजों का एक हिस्सा बनना चाहती थी। मुझे ऐसा लगता था उन चीजों से दूर रहने पर मेरा नुकसान होगा क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि ऐसा कुछ घटित हो जिसके बारे में मुझे पता न हो। मैं चुप नहीं रह पा रही थी। मैं कुछ न कुछ करते रहती थी। मैं एक मनुष्य नहीं बल्कि मनुष्य के कार्य बन गयी थी।
शुक्र है, मैंने जान लिया कि अगर हम चुप रहेंगे और मामलों को अपने हाथों में नहीं लेंगे, तो हम हमारे जीवन में परमेश्वर के अद्भुत सामर्थ्य को कार्य करते हुए देखेंगे। हम अक्सर अधिकतम सीमा तक तनावग्रस्त हो जाते हैं क्योंकि हम उन चीजों को पूरा करने की कोशिश करते रहते हैं जो केवल परमेश्वर ही कर सकते हैं। परमेश्वर हमारा मार्गदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन उसके मार्गदर्शन को जानने के लिए हमें चुप रहने की आवश्यकता है! प्रतिदिन समय निकाल कर अवश्य बातों को सुनें। हमारे पास दो कान और केवल एक मुंह है, इसलिए परमेश्वर चाहता होगा कि हम ज्यादा सुनें और कम बात करें।
जब हमारे पास योजनाएं और विचार होते हैं, तब हम उन्हें परमेश्वर को सौंप सकते हैं (उसकी मदद मांगते हुए), और यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारे पास शांति के साथ-साथ एक योजना भी है!
परमेश्वर उसकी सर्वोच्च और सर्वश्रेष्ठ आशीष उन्हें देते हैं जिनका भरोसा उस पर होता है। चुप रहें और उसे आपके जीवन में खुद को बलवान साबित करने दें।