दुनिया की प्रतियोगिता में मत पड़िए

दुनिया की प्रतियोगिता में मत पड़िए

हम घमण्डी होकर न एक दूसरे को छेड़ें, और  न एक दूसरे से डाह करें। -गलातियों 5:26

संसार की व्यवस्था के अनुसार सब से श्रेष्ठ स्थान हर किसी से आगे होना है। प्रसिद्ध विचार कहता है कि हमें सबसे ऊँचाई पर पहुँचना है चाहे इस रास्ते में किसी को भी चोट लगे। परन्तु बाइबल हमें सिखाती है कि वास्तविक शांति के समान ऐसी कोई भी बात नहीं है जब तक हम दूसरों से प्रतियोगिता रखने की ज़रूरत से मुक्त नहीं हो जाते हैं।

यहाँ तक कि उन बातों में भी जिन्हें “खेल या मज़ाक” समझा जाता है। हम अक्सर प्रतियोगिता को सन्तुलन से बाहर जाते हुए देखते हैं जिसमें लोग वाद विवाद और एक दूसरे से घृणा करने में जा पहुँचते हैं न कि इसका आनंद उठाएँ और एक साथ एक अच्छा समय व्यतीत करें। स्वभाविक रूप से मनुष्य हारने के लिए नहीं खेलता है, हर कोई अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता है। परन्तु जैसा एक व्यक्ति तब तक खेल का आनंद नहीं उठा पाता है जब तक वह जीतता नहीं है, तो उसमें निश्चय ही कुछ समस्या है। सम्भवतः कोई गहरी समस्या जो उसे उसके जीवन के बहुत से क्षेत्रों में समस्या पैदा करता है।

कार्य में हमें निश्चय ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए। अच्छा करने की इच्छा की अपेक्षा करने में कुछ भी बुरा नहीं है, जिस कार्य का हमने चुनाव किया है। परन्तु मैं आपको यह स्मरण करने के लिए उत्साहित करती हूँ कि विश्वासी के लिए पदोन्नति परमेश्वर से आती है मनुष्यों से नहीं। मुझे और आपको आगे बढ़ने के लिए संसारिक खेल खेलने की ज़रूरत नहीं है। परमेश्वर हमें अपने साथ दूसरों के साथ अनुग्रह करता है यदि हम उसके तरीके से कार्य करते हैं। (नीतिवचन 3:3-4 देखिए)

परमेश्वर जो आपके लिए या मेरे लिए करता है, हो सकता है। वह ऐसा न हो जो वह किसी और के लिए करता हो, परन्तु हमें यह अवश्य स्मरण रखना चाहिए कि यीशु ने पतरस से क्या कहाः “यदि मैं चाहूँ कि वह मेरे आने तक ठहरा रहे, तो तूझे इससे क्या? तू मेरे पीछे हो ले!” (यूहन्ना 21:22 देखिए)

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