
हे ईश्वर, मुझे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी चिन्ताओं को जान ले! – भजन संहिता 139:23
कई साल पहले जब हम आर्थिक रूप में संघर्ष कर रहे थे, मैं परिस्थिति बदलने के लिए विश्वास करते-करते थक गई और प्रभु के सामने रो पड़ी। मैं कुछ देर तक रोई और तब, परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा, मैंने एक निर्णय किया और घोषणा कीः “परमेश्वर, मैं मरने तक दशमांश और भेंट दूँगी, चाहे कि मुझे इस से कुछ प्राप्त होता दिखे या ना दिखे!”
मैं मेरे पूरे दिल के साथ विश्वास करती हूँ कि यह मुझे देखने के लिए एक परीक्षा थी कि मैंने क्यों वास्तव में भेंट दी थी। प्रभु यह प्रकट करना चाहता था कि क्या मेरे पास सही, धर्मी उद्देश्य थे या नहीं। क्या मैं केवल “प्राप्त करने के लिए” दे रही थी, मैंने केवल परमेश्वर से कुछ प्राप्त करने के लिए स्वार्थ में ही दिया हो सकता था।
यहां पर बहुत सा प्रचार और शिक्षा ऐसा कहते दी जाती रही है, “यह करो तो यह मिलेगा।” पर एक शुद्ध हृदय के बारे क्या जो कहता है, “मैं केवल इसलिए सही बात करना चाहती क्योंकि यह सही है और यह परमेश्वर को महिमा देती है।”
मैं आपको ईमानदारी के साथ अपने उद्देश्य को जाँचने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहती हूँ कि वे आत्म-केन्द्रित नहीं है। सही कारणों के लिए परमेश्वर की सेवा करने का पूरे दिल के साथ समर्पण करें।
आरंभक प्रार्थना
पवित्र आत्मा, मेरे दिल को जाँच और आज मेरे सच्चे उद्देश्यों और इरादों को प्रकट कर। अगर वह किसी क्षेत्र में धर्मी नहीं है, मुझे वे दिखाएं और उसे बदलने में मेरी सहायता करें।