इसलिये अपने परमेश्वर यहोवा की बात मानना। (व्यवस्थाविवरण 27:10)
परमेश्वर कई बार हम से अन्यों लोगों के द्वारा बात करता है, जैसा कि आप जानते है। मुझे एक विशेष समय याद है जब परमेश्वर ने मेरे जीवन में डेव के द्वारा किसी बात के लिए मुझ से बात की थी। जब उसने मुझे इसके बारे में बताया, तब मैं क्रोधित हो गई थी। डेव ने साधारणता कहा थाः “तुम जो चाहती हो इसके साथ करो; केवल तुम्हें वह बता रहा हूँ जो मैं विश्वास करता कि परमेश्वर ने मुझे दिखाया है।” उसने मुझे कायल करने का प्रयास नहीं किया कि जो वह कह रहा था वह सत्य था; उसने केवल जो विश्वास किया कि परमेश्वर ने उससे कहा वही मुझे बताया था। अगले तीन दिनों तक परमेश्वर ने मुझे कायल किया कि जो वचन उसने डेव को दिया वह सही था। मैंने बहुत आंसू बहाए क्योंकि मैं यह स्वीकार करने के लिए शर्मिंदा थी कि डेव सही था!
डेव के द्वारा जो परमेश्वर ने मुझे ज्ञान का वचन दिया था मैं यह समझने के योग्य हुई थी कि क्यों मेरे जीवन के एक निश्चित क्षेत्र में मुझे समस्या हुई थी। मैं इस स्थिति के बारे में परमेश्वर को खोज रही थी और मुझे उत्तर नहीं मिल रहा था। डेव ने मुझे न्याय और चुगली के पापों के लिए कायल किया था। यह सच्चाई कि मैं इसे सुनना नहीं चाहती थी इसलिए परमेश्वर ने मुझे यह डेव के द्वारा दिया था – क्योंकि वह जानता था कि मैं इसे स्वयं नहीं सुन सकती थी।
मैं इस अनुभव को जो मेरे जीवन में हुआ जितना बल दूँ उतना ही कम है। अगर परमेश्वर ने सीधा मेरे साथ इसका हल किया होता, मुझे निश्चय है कि मैंने एक पाठ सीखना था, पर यह उस पाठ के जैसा बिल्कुल भी नहीं होना था क्योंकि उसने डेव के द्वारा मुझसे बात की थी।
मैं आपको भरोसेयोग्य लोग जो परमेश्वर से उसकी आवाज को सुनते और जो उन्होंने सुना वो आपको बताना पसंद करते है उनके द्वारा परमेश्वर से सुनने के लिए तैयार रहने को उत्साहित करती हूँ।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः परमेश्वर से कहें कि प्रतिदिन जैसे भी, जब भी, और जिसके द्वारा भी उसे प्रसन्न है आपसे बात करें।