इसलिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे; समस्त पृथ्वी तो मेरी है। —निर्गमन 19:5
परमेश्वर का अनुग्रह और सामर्थ्य हमारे उपयोग के लिए उपलब्ध है। परमेश्वर हमें उन चीजों को पूरा करने के लिए सक्षम बनाता है या हमें पवित्र आत्मा का अभिषेक देता है जिन्हें पूरा करने के लिए उसने हमें कहा है। कभी-कभी जब वह हमें दूसरी दिशा में जाने के लिए प्रेरित करता है, तब भी हम हमारी मूल योजना के साथ आगे बढ़ते रहते हैं। यदि हम कुछ ऐसा कर रहे हैं जिसे उसने मंजूर नहीं किया है, तो वह हमें उसे पूरा करने के प्रति ऊर्जा देने के लिए बाध्य नहीं है। हम पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन के बजाय हमारी अपनी शक्ति से कार्य कर रहे हैं। तब हम बहुत निराश, तनावग्रस्त, या थक जाते हैं, हम केवल आत्मा की प्रेरणाओं की उपेक्षा करने द्वारा हमारा आत्म-संयम खो देते हैं।
बहुत से लोग परमेश्वर के मार्ग के बजाय अपने स्वयं के मार्ग पर चलने की वजह से तनावग्रस्त और थके हुए हैं। वे तनावपूर्ण स्थितियों में पहुंच जाते हैं जब वे परमेश्वर ने दिखाई हुई दिशा को छोड़ एक अलग दिशा की ओर मुड़ते हैं। फिर वे अवज्ञा के बीच थक जाते हैं और परमेश्वर के निर्देश के बाहर जो उन्होंने शुरू किया था, उसे पूरा करने के लिए आखिर में संघर्ष करते रहते हैं, उस पूरे मार्ग में उन्हें आशीर्वाद देने के लिए परमेश्वर से भीख मांगते हुए।
शुक्र है कि परमेश्वर दयालु है, और वह हमारी गलतियों के बीच भी हमारी मदद करता है। लेकिन वह हमें उसकी अवज्ञा करने के प्रति शक्ति और ऊर्जा नहीं देने वाला है। हम हर समय केवल पवित्र आत्मा की प्रेरणाओं का पालन करने से कई तनावपूर्ण स्थितियों से बच सकते हैं।
अधिक आज्ञाकारिता हमेशा कम तनाव के बराबर होती है!