यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं। – उत्पत्ति 50:20
परमेश्वर ने कुछ समय पहले मेरे दिल से बात कीः जॉयस, तू केवल अपने नाक की दूरी तक (जो ज्यादा दूर नहीं है) देखती है, और तू कल्पना करती है कि कुछ जो अच्छा महसूस नहीं होता वो अच्छा नहीं है। पर मैं आरम्भ से अंत तक देखता हूँ क्योंकि मैं आरम्भ और मैं ही अंत हूँ, और बहुत सी बातें जो तुम नहीं जानती मैं जानता हूँ।
हम तो अधूरा जानते है…पर परमेश्वर सब जानता है।
उत्पत्ति 50:20 में, यूसुफ अपने भाईयों से बात कर रहा है, जिन्होंने बूरी तरह से उससे गलत व्यवहार किया था। जब उन्होंने उसे गढ़हे में डाल दिया और गुलामी में बेच दिया, उन्होंने सोचा कि वो उसके विरूद्ध काम कर रहे थे, पर वास्तव में, परमेश्वर के पास उन परीक्षाओं को यूसुफ को एक बड़े स्थान में ले जाने के लिए इस्तेमाल करने की योजना थी।
कभी-कभार वही बातें जो हम सोचते कि भयानक है वो एक बड़ी आशीष में बदल जाती है। सबसे बड़ी परीक्षा आपके अन्दर सबसे बड़े विश्वास को विकसित कर सकती है। हो सकता है कि आप एक गढ़हे की तह में हो, पर परमेश्वर के पास आपके जीवन के लिए उसकी बुलाहट में आपको उन्नत करने के लिए उस गढ़हे को इस्तेमाल करने की एक योजना है। याद रखें, परमेश्वर सब देखता है, और वह उन परीक्षाओं को आपके भले के लिए इस्तेमाल करेगा।
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, मैं तो “मेरे नाक से आगे” तक नहीं देख सकती हूँ पर मैं आप पर भरोसा करती हूँ क्योंकि मैं जानती हूँ कि आप सब देखते है। मैं विश्वास करती हूँ कि आप मेरी परीक्षाओं को लेकर उनमें से भलाई को ला सकते है।