
तुम्हारी नामधराई के बदले दूना भाग मिलेगा, अनादर के बदले तुम अपने भाग के कारण जयजयकार करोगे; तुम अपने देश में दूने भाग के अधिकारी होगे; और सदा आनन्दित बने रहोगे। -यशायाह 61:7
क्या आपने कभी अचम्भा किया कि आदम और हव्वा के लिए उनके पाप करने से पहले जीवन कैसा था?
उत्पत्ति 2:25 हमें बताती है कि यद्यापि कि आदम और हव्वा अदन के बाग में नंगे थे, वह शर्मिन्दा नहीं थे। मैं विश्वास करती हूँ कि यह संकेत करने के अलावा कि वह नंगे थे, यह वचन यह भी तात्पर्य रखता है कि वह एक मुखौटे के पीछे छिपे हुए नहीं थे, या किसी किस्म का खेल नहीं खेल रहे थे। वह अपने आप होने के लिए आजाद थे क्योंकि उनके पास शर्मिन्दगी की कोई भावना नहीं थी। एक बार जब उन्होंने पाप कर दिया, तो उन्होंने स्वयं को छिपा लिया (देखें उत्पत्ति 3:6-8)।
अगर सलीब पर यीशु का कार्य ना होता, तो हम सब पाप की प्रबल शर्मिन्दगी के साथ जीवन व्यतीत करते होते। पर उसके बलिदान के कारण, मनुष्यजाति के पास परमेश्वर के साथ और एक दूसरे के साथ सिद्ध आजादी का आनन्द लेने का अवसर था।
खेदजनक हम में से ज्यादातर अभी भी, शर्मिन्दगी के बोझ के साथ जीवन व्यतीत करते है, यद्यपि कि परमेश्वर का वचन हम से वायदा करता और हमें भरोसा देता कि हम इस से आजाद हो सकते है (देखें यशायाह 61:7)।
परमेश्वर आपको शर्मिन्दगी से आजाद कर सकता है। प्रार्थना करें और उससे कहें कि वह आपको उस शर्मिन्दगी से आजाद करे जो आपके अन्दर निर्माण होने का प्रयास करती है।
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मैं शर्म से आजादी को प्राप्त करती हूँ जो आपने सलीब पर मेरे लिए खरीदी थी। अब और छिपाना नहीं, अब और अयोग्य महसूस नहीं करना है। आपने मेरा पाप मिटा दिया है और अब मैं आपके सामने आजाद और खुला रहना चाहती हूँ।